Bangladesh yunus government recalled ambassador: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया. दूसरे देशों में स्थित अपने उच्चायुक्त सहित पांच राजदूतों को वापस बुला लिया है. इसके साथ भारत में तैनात उनके उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान भी शामिल है. इसकी जानकारी आज यानी गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने दी है. यह कदम शेख हसीना की सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद उठाया गया है.  


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मिली जानकारी के अनुसार कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया), लिस्बन (पुर्तगाल), ब्रुसेल्स (बेल्जियम), भारत और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशन में बांग्लादेश के दूतों को तत्काल वापस लौटने और यहां विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा है इसके सात लंदन में बांग्लादेश की उच्चायुक्त सादिया मुना तस्नीम को चार दिन पहले ढाका लौटने को कहा गया था


यह फैसला बांग्लादेश में राष्ट्रीय चुनावों से उठाया गया है. लेकिन वापस बुलाने के पीछे का वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है. उन्हें क्यों बुलाया गया है. एक्सपर्ट का मानना है कि अंतरिम सरकार इस समय संकट से जूझ रहे देश की कूटनीति प्राथमिकताओं को फिर से तैयार करने के प्रयासों का हिस्सा हो सकता है.


बांग्लादेश में आंदोलन


बांग्लादेश में हाल ही में हुए आंदोलन का मुख्य कारण सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली को लेकर था. जुलाई 2024 की शुरुआत में, हजारों छात्रों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूदा कोटा सिस्टम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में 56 प्रतिशत सीटें आरक्षित थी, जिसमें 30 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों और उनके बच्चों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े जिलों के लोगों के लिए, 5 प्रतिशत अल्पसंख्यकों के लिए और 1 प्रतिशत विकलांगों के लिए थी. इस प्रकार, केवल 44 प्रतिशत सीटें ही सामान्य उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध थी.रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में 16 जुलाई से तीन अगस्त के बीच आरक्षण विरोधी आंदोलन में 400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी