ashlesha nakshatra career: अश्लेषा का अर्थ होता है आलिंगन करना. अश्लेषा नक्षत्र के समूह में 6 तारे हैं, जो कि चक्राकार हैं. कुछ लोग इन्हें सर्पाकार भी मानते हैं. अश्लेषा नक्षत्र के तारा चक्र को सर्पराज वासुकि के सिर में स्थान मिला है और इसका संबंध सर्प की कुंडली से है. यह सबको समेटने वाला सुंदर व आकर्षक व्यक्तित्व वाला होता है. सर्प को देवताओं का समिति और देवी शक्ति युक्त माना जाता है. भगवान विष्णु सर्प की शैय्या पर हैं और भगवान शंकर के आभूषण भी सर्प ही हैं. 


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अश्लेषा नक्षत्र वंशानुगत गुणों व विशिष्ट क्षमताओं को भी प्रकट करता है. यह पूर्व जन्म के आधे-अधूरे कार्यों को भी पूरा करने की भूमिका निभाता है. इस नक्षत्र का देवता नागों के राजा शेषनाग को माना गया है. प्रभु श्री राम के अनुज लक्ष्मण और और भगवान श्री कृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता बलराम शेषनाग के ही अवतार हैं. विज्ञान जगत में तरंगे भी सर्पाकार रूप में ही चलती है. यह नक्षत्र कर्क राशि में पड़ता है, इसलिए जिन लोगों की कर्क राशि है, उनका यह नक्षत्र हो सकता है.  


विशेषता


कांटे से कांटा निकलता है और विष ही विष की औषधि होती है, यानी यह लोग नकारात्मक ऊर्जा का सदुपयोग करने में बहुत माहिर होते हैं. यह साहसी और निडर होते हैं. कठिन से कठिन कार्य और चुनौती को लेने में पीछे नहीं हटते हैं. यह लोग अपने शत्रुओं को बिल्कुल बर्बाद करके ही दम लेते हैं या यूं कहा जाए कि अपने शत्रु का अहित करने के लिए यह किसी भी सीमा तक जा सकते हैं. ऐसे लोग पुलिस, सेना या फिर जहां पर मारक क्षमताएं दिखानी हो, वहां के लिए परफेक्ट होते हैं. इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बहुत जल्दी लोगों से प्रभावित नहीं होते हैं. इनके अंदर आस्था कुछ कम ही होती है या यूं कहा जाए कि यह लोग बहुत प्रेक्टिकल जीवन जीते हैं. 


यह लोग बहुत अधिक सिद्धांतों को लेकर नहीं चलते हैं. अपनी सुविधा और देश, काल या परिस्थिति को देखते हुए, अपने मार्ग को बदलते रहते हैं. इस नक्षत्र के लोग दूसरों को महिमामंडित करने में माहिर होते हैं. यह लोग उन प्रोफेशन में बहुत अच्छा काम करते हैं, जिनमें जांच, कमियों को खोजना, प्रतिद्वंदियों को परास्त करने की रणनीति बनाना, सर्च ऑपरेशन आदि से संबंधित कार्य होते हैं.