Astro Tips for Shankh: शंख यह केवल ध्वनि की गूंज ही नहीं करता है, केवल उद्घोष ही नहीं करता है, बल्कि साधक के जीवन को सुखमय भी बनाता है. स्वर्ग के सुखों में, अष्ट सिद्धियों व नव-निधियों में शंख को भी अमूल्य निधि माना गया है. कहा जाता है कि पूजन के समय जो व्यक्ति शंखनाद करता है, उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. ज्योतिष और तांत्रिक साधनाओं में भिन्न-भिन्न कार्यों की सिद्धि के लिए विभिन्न आकृतियों और नामों वाले शंखों का नाम लिया जाता है. शास्त्रों में इन दिव्य शंखों को दरिद्रता नाशक, आयुवर्धक और समृद्धिदायक कहा जाता है. शंखों के कई प्रकार होते हैं और हर शंख का महत्व भी अलग-अलग ही है. इस लेख में हम कुछ दुर्लभ प्रकार के शंखों के प्रभाव पर चर्चा करेंगे.


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गणेश शंख- यह एक अद्भुत और चमत्कारी शंख होता है. इस शंख की आकृति आदिनाथ परमपूज्य भगवान गणपति जैसी होती है. चारों ओर से घुमा कर देखने पर लंबोदर गणेश की प्रतिमा के दर्शन होते हैं, इसलिए इस शंख को गणेश शंख कहा जाता है. दुर्लभ होने के कारण इसका मूल्य भी बाजार में कुछ अधिक होता है. माना जाता है कि गणेश शंख के सूड़ क्षेत्र से ही वाण गंगा निकली हैं. इस शंख को घर में स्थापित करने के लिए प्रातः काल स्नान करने के बाद विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस शंख को घर अलावा व्यवसाय स्थल पर भी रखा जा सकता है. इसमें जल भर आचमन करें और भवन तथा व्यवसाय स्थल पर उस जल का छिड़काव करें. जिस घर या व्यवसाय स्थल पर इस शंख की स्थापना होती है, वहां पर आर्थिक समस्या नहीं रहती है और ऋद्धि-सिद्धि का भंडार भरा रहता है.


विष्णु शंख- यह सफेद आभायुक्त शंख प्रकृति द्वारा जटिल रूप और आकृति में होता है. इस शंख की रूप और आकृति भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के उड़ते हुए स्वरूप जैसी दिखती है. शास्त्रों में इस शंख को चंद्र शंख की संज्ञा भी दी गई है, जिसे लक्ष्मी का रूप भी कहा जाता है. इस पवित्र, दुर्लभ, चमत्कारी शंख का उपयोग व्यक्ति अपने व्यवसाय में उन्नति के लिए और दरिद्रता को दूर करने के लिए करता है. 


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