रेवती नक्षत्र


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तारामंडल का 27 वां और अंतिम नक्षत्र रेवती कहलाता है. रेवती का अर्थ है, आर्थिक रूप से संपन्न और समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति  अर्थात् भगवान विष्णु से प्राप्त योग, सत्य, सौभाग्य तथा अमृत रूपी धन. धन वैभव का नाम लक्ष्मी भी है. लक्ष्मी के आठ रूपों में अंतिम योग लक्ष्मी का संबंध, भचक्र के अंतिम नक्षत्र रेवती से है. रेवती को शुभ परिवर्तन लाने वाला नक्षत्र कहते हैं जो लौकिक से परालौकिक को जोड़ने का कार्य करता है. रेवती नक्षत्र का चिह्न माना गया है. इस नक्षत्र का देवता पूषा को माना गया है, जो कि सूर्य का ही एक नाम है. यह प्रकाश के देवता हैं. रेवती नक्षत्र मीन राशि में पड़ता है और इसी नक्षत्र से राशि व नक्षत्र दोनों समाप्त हो जाते हैं.  जिन लोगों की मीन राशि है, उनका रेवती नक्षत्र हो सकता है. 


कैसे होते हैं इस नक्षत्र के लोग


रेवती नक्षत्र के लोगअत्यधिक संवेदनशील होते हैं इसलिए चालाक प्रवृत्ति के लोग इनके भावनात्मक स्वभाव के कारण लाभ उठा लेते हैं. कई बार तो लोग दीन दुखी पीड़ित बनकर इनकी जेब ही खाली करा देते हैं इसलिए आपको दान करते समय उसकी पात्रता जरूर देखनी चाहिए. कभी-कभी इस नक्षत्र के व्यक्ति दूसरों को लाभ दिलाने के लिए कुछ ऐसे कार्य कर जाते हैं जिससे लाभान्वित होने के बजाय इनको ही नुकसान हो जाता है. इस नक्षत्र में जन्म लेने वालों को प्रपंच और कपट से दूर रहना चाहिए. कई बार संगत खराब होने के कारण इनके मन में कपट का भाव आ सकता है जो कि आगे चलकर नुकसानदेह हो जाता है. 


कैसे बढ़ाएं रेवती नक्षत्र की पावर


महुआ नाम का पेड़ उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और जंगलों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है. इसके तेल का प्रयोग त्वचा की देखभाल, साबुन या डिटर्जेंट का निर्माण करने के लिए किया जाता है, इसका औषधीय गुणों के लिए भी उपयोग किया जाता है, इसकी छाल और फल से दवाएं भी बनती हैं. इसको घर में नहीं लगा सकते हैं लेकिन जहां इसकी खेती हो रही हो वहां पर अपना सहयोग कर सकते हैं.