Pitru Paksha 2023 Dates: पितृ पक्ष या श्राद्ध में पितरों की आत्मा की शांति और उनको मोक्ष दिलाने के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है. यह त्योहार एक तरह के पितरों को सम्मान देने का तरीका भी है. ऐसी मान्यता है कि इस 15 दिनों की अवधि के दौरान पितर धरती पर आते हैं. पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के साथ शुरू होता है और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर समाप्त होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 27 सितंबर 2023 से हो रही है. वहीं, इसका समापन 14 अक्टूबर 2023 को होगा. इस दौरान कुछ खास उपाय करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.


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तुलसी


पितृ पक्ष में लोग पितरों को खुश रखने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं और कई तरह के उपाय भी करते हैं. इनमें से एक उपाय तुलसी का भी है. इस उपाय को करने से पितर प्रसन्न होते हैं और लोगों को श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के बराबर फल की प्राप्ति होती है. इस उपाय को 15 दिन की अवधि में किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि उस दिन एकादशी और रविवार न पड़े.


गंगाजल


पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के गमले के पास एक कटोरी रख दे. यह कार्य घर का कोई भी सदस्य कर सकता है. इसके बाद एक हथेली में गंगाजल लें और इसे धीरे-धीरे कटोरी में छोड़ दें. इस दौरान 5-7 बार पितरों का नाम लेना चाहिए और भगवान शिव का ध्यान भी करना चाहिए.


निगेटिव एनर्जी


कटोरी में गंगाजल छोड़ने के बाद इस पानी को घर में हर जगह छिड़का जा सकता है या फिर तुलसी के पौधे में भी डाला जा सकता है. गंगाजल को घर में छिड़कने से सारी निगेटिव एनर्जी समाप्त हो जाती है. तुलसी के पौधे में रविवार और एकादशी के दिन पानी नहीं दिया जाता है, इसलिए यह उपाय इन दो दिन नहीं करना चाहिए. पितृ पक्ष में किया गया यह उपाय काफी कारगर होता है. इसको करने से पिंडदान और तर्पण के बराबर फल मिलता है.


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