Name of 27 Nakshatra: तारामंडल में दूसरा नक्षत्र होता है भरणी. भरणी नक्षत्र में तीन तारे हैं. भरणी का अर्थ भरण से है. इस शब्द को वृहद रूप में समझना आवश्यक है. वह स्थान जहां पर बीज संरक्षित होकर पोषित हो. भरणी कलश, गर्भ के रूप में भी समझा जाता है. यह बहुत ही गूढ़ नक्षत्र है. इस नक्षत्र के देवता यम होते हैं, जो यम दिवंगत आत्माओं के शासक हैं, यानी दूसरे लोक के प्रमुख हैं. अष्टांग योग अर्थात यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि में सर्वप्रथम यम ही आते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भरणी नक्षत्र इसीलिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है, चूंकि यह यम का नक्षत्र है और यम पितरों के देवता हैं, इसलिए इस नक्षत्र में शुभ कार्यों को करना वर्जित बताया गया है. यह नक्षत्र भी मेष राशि में पड़ता है, इसलिए जिन लोगों की मेष राशि है, उनका यह नक्षत्र हो सकता है. 


रचनात्मकता


भरणी नक्षत्र वाले लोगों के अंदर क्रिएटिविटी जन्मजात होती है. इस नक्षत्र वाले व्यक्ति को कोई गलत सूचना दे तो यह बहुत नाराज हो जाते हैं. इन्हें अफवाह फैलाना बिल्कुल पसंद नहीं होता है. इन लोगों को चापलूसी पसंद नहीं होती है या दूसरे शब्दों में कहें कि स्पष्टवादी होते हैं. यदि इनका बॉस या सबऑर्डिनेट भरणी नक्षत्र का है तो उसको केवल काम से ही प्रभावित किया जा सकता है, यहां बटरिंग से दाल नहीं गलेगी. 


यह लोग दृढ़ निश्चयी और किसी का अनड्यू फेवर यानी पक्षपात नहीं करते हैं. नियम, कायदे, कानून का पालन करने वाले होते हैं. यह ऐश्वर्य भोगने की इच्छा रखने वाले और काफी टेक्नो सेवी भी होते हैं. इनके मित्रों की संख्या काफी अधिक होती है तथा सामाजिक दायरा भी बड़ा होता है. लोगों के साथ घुलने-मिलने में थोड़ा सा समय लगता है, लेकिन बाद में काफी मिलनसार हो जाते हैं. यह अपने काम में किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते हैं. अपनी धुन के पक्के होते हैं. अनावश्यक रूप से धन खर्च करने से यह बचकर चलते हैं. समस्याओं से भागते नहीं हैं, बल्कि उनका डटकर मुकाबला करते हैं.