Effect Of Budh Mahadasha: ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है. बुध को बुद्धि, तर्क क्षमता और कौशल का कारक ग्रह माना जाता है. बुध को एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में 25 दिन लगते हैं. मान्यता है कि बुध जिस ग्रह के साथ होते हैं, उसे के अनुरुप फल प्रदान करते हैं. ऐसे में बुध की महादशा को शुभ माना गया है. कहते हैं कि अगर किसी जातक की कुंडली में बुध शुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को खूब शुभ फल प्रदान करते हैं.


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मौज-मस्ती


ज्योतिष शास्त्र में बुध की महादशा को शुभ माना जाता है. बुध की महादशा 17 साल तक रहती है, जिसका प्रभाव व्यक्ति की बुद्धि, संचार, रचनात्मकता पर साफ दिखता है.  कहते हैं कि अगर बुध किसीस व्यक्ति की कुडंली में शुभ स्थिति में हैं, तो 17 साल तक उसे खूब ऐश कराते हैं. बुध की महादशा के दौरान व्यक्ति मौज-मस्ती से भरपूर जीवन जीता है. वहीं, कुंडली में कमजोर स्थिति में होने पर इंसान की बुद्धि पर बुरा प्रभाव देखने को मिलता है. इतना ही नहीं, व्यक्ति लक्ष्य प्राप्त करने से भटक जाता है.


होता है धन लाभ


बुध की महादशा के दौरान बुध की अंतर्दशा होने पर व्यक्ति की धार्मिक प्रवृत्ति में विकास होता है. सभी कार्य मन के साथ करने लगते हैं. इतना ही नहीं, कहते हैं कि बुध की कृपा से व्यक्ति विद्धान बनता है. धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. वहीं, ज्ञान और कला आदि गुणों से व्यक्ति को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.


बुध की महादशा में अंतदर्शा


कहते हैं कि अगर बुध की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा होने पर वे अवधि व्यक्ति के अनुकूल होते हैं. हर कार्य में सफलता मिलती है. वहीं,सरकारी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है. चंद्रमा की अंतर्दशा होने पर व्यक्ति शांत जीवन व्यतीत करता है. साथ ही, व्यक्ति का मन रचनात्मक कार्यों में लगने लगता है. परिवार से रिश्तों में मिठास बढ़ता है. शुक्र की अंतर्दशा व्यक्ति को खूब आर्थिक लाभ कराती है. जीवनसाथी के साथ भी संबंधों में सुधार होता है. बृहस्पति की अंतर्दशा से इंसान को बहुत फायदा होता है. मानसिक शांति प्राप्त होती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)