Chanakya Niti in Hindi: हर व्‍यक्ति अपनी किस्‍मत लेकर पैदा होता है. यह किस्‍मत उसके द्वारा पूर्व जन्‍म में किए गए कर्मों के अनुसार मिलता है. लेकिन अपनी मेहनत, सोच और जुनून से कई चीजें बदल भी देता है. हालांकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिन्‍हें व्‍यक्ति चाहकर भी नहीं बदल सकता है. आचार्य चाणक्‍य के नीति शास्‍त्र में कहा गया है कि कुछ चीजें व्‍यक्ति के भाग्‍य से जुड़ी होती हैं और इनका निर्धारण मां के गर्भ में ही जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये चीजें कभी नहीं बदलतीं 


आचार्य चाणक्य ने चाणक्‍य नीति में कुछ ऐसी बातें बताई हैं, जो आज भी पूरी तरह प्रासंगिक हैं. चाणक्‍य नीति में कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया गया है, जिन्‍हें कोई भी नहीं बदल सकता. 


व्‍यक्ति की उम्र: आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि व्‍यक्ति की उम्र कितनी होगी या वह कितने साल जिएगा, इसका फैसला मां के गर्भ में ही हो जाता है. इसके बाद व्‍यक्ति उतनी ही आयु पाता है, जो वह अपनी तकदीर में लिखवाकर आता है. 


मृत्‍यु का समय: आयु की तरह व्‍यक्ति की मृत्‍यु का समय भी मां के गर्भ में ही तय हो जाता है. मृत्‍यु के समय को भी व्‍यक्ति बदल नहीं सकता है. जिस समय उसकी मृत्‍यु लिखी है उसे तब मौत आकर ही रहेगी. साथ ही उसकी मृत्‍यु आसान होगी या कष्‍टपूर्ण इसका निर्धारण उसके कर्मों के आधार पर होता है. 


सुख-दुख: व्‍यक्ति कैसा जीवन जियेगा इसका निर्धारण भी मां के गर्भ में ही हो जाता है. उसके पूर्व जन्‍म के कर्मों से यह तय हो जाता है कि उसे कष्‍ट, सुख-दुख उठाने ही पड़ेंगे. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें