Eclipse in 2023 in India: ग्रहण का नाम सुनते ही मन में घबराहट सी होने लगती है, क्योंकि जब राहु-केतु सूर्य या चंद्र जैसे ग्रहों को ग्रसने का प्रयास करते हैं तो उसका प्रभाव सभी राशियों के लोगों पर पड़ता है. ग्रहण का अर्थ है कि उस महत्वपूर्ण ग्रह पर संकट आया हुआ है. ग्रह तो हमारे देव होते हैं और जब हमारे देव किसी परेशानी में हों तो हम अधिक कुछ भले ही न कर सकें, लेकिन उनकी मुक्ति की प्रार्थना तो कर ही सकते हैं. यह कार्य तो सभी 12 राशियों के लोगों को करनी चाहिए. 


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वैसे तो इस साल का पहला ग्रहण वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में अमावस्या अर्थात 20 अप्रैल को होगा. सूर्य पर लगने वाला यह खंडग्रास ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा. संसार के जिस भाग में भी ग्रहण पड़ रहा हो वहां के निवासियों पर तो इसका प्रभाव जरूर पड़ता है, किंतु विश्व के जिस क्षेत्र में यह दिख ही नहीं रहा है, वहां के लोगों को कोई बहुत घबराने जैसी बात नहीं रहती है. इसी तरह से इस वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण कंकणाकृति आकार का होगा और यह आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानी 14 अक्टूबर शनिवार को होगा. 


28 अक्टूबर के महीने में ही इस वर्ष का तीसरा ग्रहण होगा, जो चंद्र पर लगेगा. यह खंडग्रास चंद्रग्रहण भारत सहित विश्व के कई देशों में दिखेगा. भारत के अतिरिक्त यह ग्रहण संपूर्ण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, पश्चिम-दक्षिण प्रशांत महासागर, अमेरिका का पूर्वी भाग, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर में दिखेगा. यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि पर लगेगा. चंद्रास्त के समय ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी प्रशांत महासागर, रूस के पूर्वी क्षेत्र में ग्रहण का स्पर्श होगा. चंद्रोदय के समय ग्रहण का मोक्ष उत्तर एवं दक्षिण अटलांटिक महासागर, ब्राजील का पूर्वी क्षेत्र और कनाडा में दिखेगा. इन क्षेत्रों के लोगों को उस दिन सावधान रहना होगा.


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