Vivah Importance: विवाह हमारे हिंदू समाज में एक महत्वपूर्ण संस्कार है, लेकिन कई बार वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती हैं, और बात तलाक तक पहुंच जाती हैं. भारतीय ज्योतिष में माना जाता है कि व्यक्ति के जीवन में होने वाली हर समस्या का कारण उसकी जन्मकुंडली में बैठे ग्रह होते हैं. विवाह और तलाक जीवन के दो महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं. तलाक तो कोई भी नहीं चाहता, लेकिन कई बार ग्रहों की स्थितियां और उनका असर ऐसा होता है कि तलाक जैसी स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं.


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ग्रहों की स्थितियां
जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थितियों का मिलान अत्यंत महत्वपूर्ण है. ज्योतिषशास्त्र में तलाक के योगों का विस्तार से वर्णन है, जिसमें बताया गया है कि कौन-कौन से ग्रह और उनकी स्थितियां वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकती हैं.


ग्रहों की मिलन
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जन्मकुंडली में ग्रहों का मिलान नहीं होने पर विवाह के बाद परेशानियां उत्पन्न होती हैं. जन्मकुण्डली में सप्तम भाव पति-पत्नी के बीच के संबंधों को प्रकट करता है और इसे सप्तमेश कहा जाता है. और कुछ ग्रह जैसे मंगल, शनि, सूर्य आदि जो विवाह संबंधित सप्तम भाव में स्थित होते हैं, वे भी वैवाहिक जीवन में बाधाएं ला सकते हैं.


तलाक के लिए ज्योतिष उपाय
ज्योतिष शास्त्रों में ऐसा भी माना जाता है कि ग्रहों की सही स्थितियों के अनुसार उपाय करने से तलाक और अन्य जीवन संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है. इसके लिए विवाह से पहले जन्मकुंडली का सही सम्पादन और विश्लेषण करना चाहिए.
ज्योतिष अनुसार, पति-पत्नी में मित्रता और प्रेम को मजबूत करने के लिए उन्हें हर गुरुवार लक्ष्मी-नारायण या सीताराम जी के मंदिर में प्रार्थना करनी चाहिए. घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए फिटकरी का टुकड़ा काले कपड़े में बांधकर और मोरपंख शयनकक्ष में रखने की सलाह भी दी जाती है. इस प्रकार के उपाय दाम्पत्य जीवन में प्रेम और समझदारी बढ़ा सकते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)