Garuda Purana in Hindi: व्‍यक्ति जैसा कर्म करता है, उसका वैसा ही फल मिलता है. ये नतीजे ना केवल मौजूदा जीवन में भुगतने पड़ते हैं, बल्कि अगले जन्‍मों तक भी भुगतना पड़ता है. गरुड़ पुराण में कर्मों और उनके फल के बारे में विस्‍तार से बताया गया है. साथ ही अच्‍छे जीवन, आसान मृत्‍यु और उसके बाद आत्‍मा के सफर के बारे में भी विस्‍तार से बताया गया है. भगवान विष्‍णु और उनके वाहन गरुड़राज के बीच हुए संवाद को समेटे गरुड़ पुराण को इसी कारण महापुराण का दर्जा दिया गया है. गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी बातों के बारे में बताया गया है जिन्‍हें करने की मनाही की गई है क्‍योंकि ये काम करने से व्‍यक्ति की आयु घटती है.  


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आयु कम करते हैं ये काम 


गलत दिशा में सिर करके सोना: गरुड़ पुराण के साथ-साथ वास्‍तु शास्‍त्र में भी सही दिशा में सिर करके सोने के लिए कहा गया है. गलत दिशा में सिर करके सोने से व्‍यक्ति की सेहत बिगड़ती है, उसकी उम्र घटती है. लिहाजा कभी भी दक्षिण या दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके ना सोएं. ना ही कभी टूटे हुए पलंग पर सोएं. ये काम करने से व्‍यक्ति के जीवन के दिन कम होते हैं. 


ग्रहण के समय रहें सावधान: हिंदू धर्म-शास्‍त्रों में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को अशुभ माना गया है. कभी भी सूर्य ग्रहण के समय खुली आंखों से सूरज को ना देखें. खुली आंखों से ग्रहण देखना व्‍यक्ति की आंखों के साथ-साथ जीवन पर भी नकारात्‍मक असर डालता है. लिहाजा ये गलती ना करें. 


ईश्‍वर में भरोसा ना करें: जो व्यक्ति ईश्वर पर विश्वास नहीं रखता है या धर्म के मार्ग पर नहीं चलता उस व्यक्ति की उम्र भी घट जाती है. क्‍योंकि ईश्वर पर विश्वास न करने का अर्थ है मानवता पर विश्वास न करना, लोगों की मदद ना करना या उनके दुख में दुखी ना होना. 



ना करें अपमान: कभी भी किसी का अपमान ना करें, ना ही दिल दुखाएं. ऐसा करना भी जीवन में ना केवल कष्‍ट देगा, बल्कि जिंदगी के दिन भी कम करेगा. वहीं असहाय, बुजुर्गों और अबला महिलाओं का अपमान करने की भूल तो कभी ना करें. 


धोखे से धन हड़पना: गरुड़ पुराण के अनुसार किसी का धन हड़पना, धोखे से पैसा कमाना व्‍यक्ति को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना देता है. ऐसा धन ना केवल बेवजह बर्बाद हो जाता है, दवाइयों में खर्च हो जाता है बल्कि उम्र भी घटा देता है. 


इस दिन करें ब्रह्मचर्य का पालन: गरुड़ पुराण के अनुसार कृष्ण चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष, हर माह की अष्टमी, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)