Negative Effects of Gemstone: ज्योतिष शास्त्र की तरह रत्न शास्त्र का भी अहम महत्व होता है. ज्योतिषी जातकों को कमजोर ग्रहों को मजबूत बनाने, उनके अशुभ प्रभाव को कम करने और कई तरह की परेशानियों को दूर करने के लिए संबंधित रत्न धारण करने की सलाह देते हैं. हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है. कई बार रत्न पहनने के बाद भी शुभ फल की जगह अशुभ फल मिलने लगते हैं. ऐसा बिना सलाह और नियमों के जानकारी के धारण करने के कारण होता है.


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फैशन और देखा-देखी


कई लोग दूसरों की देखा-देखी या फैशन के तौर पर रत्न धारण कर लेते हैं. ऐसा करने के बाद उनके जीवन में मुश्किलें खड़ी होनी शुरू हो जाती हैं. ऐसे में उनका विश्वास ज्योतिष शास्त्र और पूजा पाठ से उठ जाता है. हालांकि, ऐसा उनकी गलतियों के कारण होता है.


कुंडली के हिसाब से धारण करें रत्न


रत्न धारण करने से पहले हमेशा किसी जानकार शख्स से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए. वह कुंडली के हिसाब से रत्न धारण करने की सलाह देंगे. नियम और विधि-विधान से रत्न धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होने लगती है और बेहतरीन परिणाम प्राप्त होने लगते हैं.


खंडित रत्न


कई लोग रत्नों को अंगूठी में जड़वाकर पहनते हैं और उसे बार-बार निकालते रहते हैं. ऐसा करने से रत्न का प्रभाव कम हो जाता है. कभी भी खंडित या टूटा हुआ रत्न धारण नहीं करना चाहिए. इससे फायदे की जगह हमेशा नुकसान ही होगा. वहीं, रत्न को अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन नहीं पहनना चाहिए.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)