Marriage Rituals: अक्सर आपने देखा या सुना होगा कि शादी या शुभ कार्यों में काले रंग का इस्तेमाल वर्जित माना जाता है. किसी भी प्रकार की काले रंग की वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाता हैं लेकिन हिंदू धर्म में कई ऐसी जगह हैं जहां दुल्हन को रात में फेरों के समय काली चूड़ियां पहनाई जाती हैं और सवा महीने, 6 महीने या सवा महीने तक पहने रखना होता है. इसके साथ ही दुल्हन को शादी की सुबह सिंदूरदान की रस्म कराई जाती है. अब यह सुनने में अजीब जरूर लग रहा होगा कि शादी से पहले लड़कियों की सुहाग की रस्म और शादी के समय काली चूड़ियां क्यों पहनाई जाती हैं.


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बता दें कि यूपी समेत तमाम ऐसे जिले हैं जहां ऐसा रिवाज है जहां दुल्हन शादी के दिन सुहागिन औरतों से सुहाग लेती है और फेरों के समय काली चूड़ियां पहनाती हैं, जानिएं किन धार्मिक वजहों से ऐसा किया जाता है. 


दुल्हन क्यों पहनाई जाती है काली चूड़ी 


हिंदू धर्म में कांच की चूड़ियां शुभ मानी जाती है. कहा जाता है कि यदि दुल्हन काले रंग की चूड़ी पहनती हैं तो यह शुभ फलदायी होता है , इससे दुल्हन को किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजरों से दूर रहती है. साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते की खटास दूर रहती है. 


इसके साथ ही दुल्हन तो सवा महीने, 6 महीने या सवा साल तक काली चूड़ी पहनी रहनी चाहिए, अगर चूड़ी टूट जाएं तो तुरंत ही चूड़िया पहन लेनी चाहिए और टूटी चूड़ी कूड़े में नहीं फेंकनी चाहिए. इन्हें नदी में बहा दें. 


सिंदूरदान की रस्म 


इसके साथ ही शादी की सुबह दुल्हन को सुहागिन औरतें सिंदूरदान करती हैं. लड़की के माथे पर सुहागिन औरतें अपना सिंदूर  लगाती हैं और सदा सौभाग्यवती का आशीर्वाद देती हैं.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)