Raksha Bandhan Special Yog 2022: 24 साल बाद रक्षाबंधन पर बना ये योग, भद्रा के बावजूद इन समय पर बांध पाएंगे राखी
Rakhi Shubh Muhurat and Timing 2022- इस साल रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगा. 24 साल बाद इस साल कुछ विशेष योग का निर्माण भी हो रहा है. वैसे रक्षाबंधन के पूरा दिन भद्रा काल है, इसमें राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता. लेकिन इन शुभ मुहूर्त में आप भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं.
Raksha Bandhan 2022 Puja Vidhi: रक्षाबंधन का पर्व सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाात है. इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त है और इस दिन भद्रा का साया है. ज्योतिष अनुसार भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है. ऐसे में भाई को राखी का टीका भद्रा काल के बाद ही करें. इस साल रात्रि में भद्रा समाप्त होगा. उसके बाद ही राखी बांधी जा सकती है. लेकिन हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार 24 साल बाद राखी पर विशेष योगों का निर्माण हो रहा है.
ज्योतिष अनुसार इस साल 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ होगा और 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी. इस साल रक्षाबंधन पर एक विशेष योग का निर्माण हो रहा है. इस वजह से रक्षाबंधन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. आइए जानें शुभ योग और राखी बांधने के शुभ मुहूर्त के बारे में.
24 साल बाद बन रहा है ये विशेष योग
हिंदू पंचाग के अनुसार 24 साल बाद इस बार राखी पर अमृत योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का ज्योतिष में विशेष महत्व बताया जाता है. इस दुर्लभ योग के कारण रक्षाबंधन का त्होयार और खास हो गया है.
राखी बांधने के शुभ मुहूर्त
- हिंदू पंचाग के अनुसार दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेग. अभिजीत मुहूर्त से उत्तम मुहूर्त कोई नहीं होता. इसलिए आप इस समय के बीच में भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं. राखी बांधने के लिए 53 मिनट का समय शुभ बताया जा रहा है.
- इसके साथ ही 11 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से लेकर 03 बजकर 33 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. इस 53 मिनट भी आप राखी बांध सकते हैं.
- शाम को 6 बजकर 54 मिनट से लेकर 8 बजकर 21 मिनट तक अमृत काल रहेगा. इस 1 घंटे 25 मिनट के बीच भी भाई को राखी बांधी जा सकती है.
जानें राखी बांधने की विधि
रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और भाई की मनपसंद मिठाई रखें. साथ ही, थाली में घी का दीपक प्रज्वलित करें. इस दिन पहली राखी कान्हा जी को बांधें. इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करके बैठा दें. भाई को तिलक लगाएं, राखी बांधें और फिर उसकी आरती उतारते हुए लंबी उम्र की कामना करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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