Kaal Sarp Dosh Calculator: 12 प्रमुख कालसर्प योग में पांचवें स्थान में आता है पद्म कालसर्प योग का. यह योग किसी की कुंडली में तब बनता है, जब राहु पंचम भाव में हो केतु ग्यारहवें यानी एकादश भाव में हो और अन्य सभी ग्रह इनके बीच में एक ही तरफ हो. इस दोष के चलते व्यक्ति को विद्या संबंधी कुछ दिक्कतें आती हैं, किंतु कुछ समय के बाद रुकावट दूर हो जाती है. हालांकि, कुछ लोगों की पढ़ाई अधूरी ही रहती है. इस दोष के कारण संतान सुख नहीं मिल पाता है और यदि संतान हो जाए तो उसे दूर रहना पड़ता है. कई बार तो संतान से संबंध विच्छेद की स्थिति हो जाती है. 


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इस दोष से प्रभावित व्यक्तियों को परिवार में अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है. दांपत्य जीवन तो सामान्य रहता है, किंतु कभी कभी तनाव के रहते समस्या या विवाद पैदा हो जाता है. स्वास्थ्य में दिक्कत रहती है और कई बार तो असाध्य रोगों से जूझना पड़ सकता है, जिनकी चिकित्सा में पैसे का खर्च बहुत अधिक हो जाता है. दुर्घटना और हाथों में तकलीफ हो सकती है. यदि सट्टा, लाटरी, जुआ की लत लग गयी तो सब कुछ स्वाहा होने में देर नहीं लगती. जिस व्यक्ति पर यह लोग सबसे अधिक विश्वास करेंगे, उसी से धोखा मिलता है. पूरा जीवन संघर्षपूर्ण ही बीतता है. 


उपाय 


- शुभ मुहूर्त में मुख्य द्वार पर चांदी का स्वास्तिक और दरवाजे के दोनों तरफ धातु से बने हुए नाग को स्थापित करें. 


- मीठी रोटी, रेवड़ी, तिल के बने हुए मीठे पदार्थों का भोजन में सेवन करें और इन वस्तुओं को जितना हो सके  दान भी दें. 


- रात्रि के समय घी का दीपक जला कर पीपल के पेड़ पर रख दें. 


- प्रभावित लोगों को नागपंचमी का व्रत करने से भी लाभ होता है. 


- प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी प्रतिमा पर चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर चढ़ाएं और मंदिर में जाकर विधि पूर्वक पूजा करने के साथ ही बूंदी के लड्डू का भोग अर्पित करें.


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