Palmistry Science: हस्तरेखा विज्ञान का अध्ययन हाथ में बनी रेखाओं को देखकर व्यक्ति के भविष्य की भविष्यवाणी करना है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन रेखाओं और चिन्हों का सीधा संबंध व्यक्ति के पूर्वजन्म के कर्मों से होता है. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अंगूठा व्यक्ति के चरित्र और विशेषताओं का महत्वपूर्ण संकेतक है. इसकी लंबाई, आकृति और चिन्हों से व्यक्ति की इच्छा शक्ति, तर्क शक्ति और अन्य गुणों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है. अंगूठा व्यक्ति के व्यक्तित्व के विशेषताओं को प्रकट करता है. अंगूठे में विशेष रेखाएं होती हैं, जो हर व्यक्ति में भिन्न होती हैं. ज्योतिष विशेषज्ञ मानते हैं कि इन रेखाओं के माध्यम से व्यक्ति के स्वभाव, विचार और उसकी प्रवृत्तियों का पता लगाया जा सकता है.


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अंगूठे की भूमिका
हाथ की उंगलियों में अंगूठे की प्रमुख भूमिका होती है. हाथ के लिए वह शरीर के रीड़ की हड्डी के समान है. अंगूठा व्यक्ति की चरित्र, शक्ति और विशेषताओं को उजागर करता है. जब व्यक्ति हस्तरेखा ज्ञानी को अपना हाथ दिखाता है, तो अंगूठा उसके व्यक्तित्व के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है. 


अंगूठे की लंबाई
अंगूठे का संबंध सीधा मस्तिष्क से है और यह हाथ की कार्यक्षमता का केंद्र है. इसकी आकृति और चिन्ह जन्म से ही बने रहते हैं और मृत्यु तक नहीं बदलते, यह व्यक्ति की अद्वितीय पहचान है. अंगूठे की आकृति और लंबाई से व्यक्ति के चरित्र के बारे में जानकारी मिलती है. लंबा अंगूठा बुद्धिमानी का प्रतीक माना जाता है, जबकि छोटा अंगूठा जल्दबाजी की प्रवृत्ति दर्शाता है. 


अंगूठे का भाग
अंगूठे का पहला भाग इच्छा शक्ति का और दूसरा भाग तर्क शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है. पहले भाग की लंबाई इच्छा शक्ति की प्रबलता को दर्शाती है, जबकि दूसरे भाग की लंबाई तर्क शक्ति की माप है. 


अंगूठे की स्थिति
अंगूठे की स्थिति और उसके ढंग से व्यक्ति के विशेषताएं और स्वभाव का पता चलता है. जो लोग अंगूठे को दबाकर बात करते हैं, उनमें आत्म-विश्वास की कमी होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)