Inauspicious Panchak: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है. बिना मुहूर्त के कोई कार्य करना अशुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में हर कार्य को करने के लिए विभिन्न शुभ मुहूर्त बताए गए हैं. कई बार अशुभ मुहूर्त के कारण शुभ कार्यों में रोक लग जाती है. ऐसा ही अशुभ मुहूर्त पंचक को माना जाता है. पंचक हर महीने आता है और 5 दिन तक होता है. इन 5 दिनों तक किसी भी नये और शुभ कार्य को करने की मनाही होती है. 


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शुरुआत


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने पांच दिन पंचक रहता है. आषाढ़ माह का पंचक 9 जून की सुबह 9 बजकर 49 मिनट से शुरू हो रहा है और इसका समापन 13 जून को दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर होगा. ऐसे में शुभ कार्य करने वाले लोग इस तिथि को नोट कर लें.


ऐसे लगता है पंचक


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनिष्ठा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, रेवती और शतभिषा पांच नक्षत्रों में जब चंद्रमा गोचर करता है, तब पंचक लगता है. वहीं, इस दौरान चंद्रमा एक साथ कुंभ और मीन राशि में भी प्रवेश करता है.


न करें ये कार्य


महीने के जिन दिनों पंचक लगे, उस दौरान कुछ कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए. जैसे कि पंचक के 5 दिन के दौरान दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करने से बचना चाहिए. ऐसा करने से दुर्घटना या किसी भी तरह की हानि हो सकती है. इस दिशा को यम की दिशा माना गया है. वहीं, इस दौरान घर बनाना, छत ढालना और चारपाई बनाने से भी बचना चाहिए. इसके साथ ही कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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