Aghori Kaise Bante Hain: अघोरी अकसर अपनी जिंदगी और जीने के तौर-तरीकों को लेकर चर्चाओं में रहते हैं. उनके अद्भुत संसार की कई ऐसी बातें हैं, जो इंसान को अचंभित कर देती हैं. उनकी जीवनशैली में कई ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें कानूनी तौर पर सही ठहराया नहीं जा सकता लेकिन उनकी दुनिया में यह आम चीज है. अघोरियों के मुताबिक, वे श्मशानों में मृत लोगों को अपना भोजन बनाते हैं. उनका खाना सिर्फ लाश होता है. जिंदा का भोजन वह नहीं कर सकते. एक मान्यता यह भी है कि वह अपने खाने को पका नहीं सकते. इसलिए वह या तो कच्चा मांस खाते हैं या चिता में जला हुआ. 


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गांजे का सेवन करना अघोरियों की पहचान माना जाता है. वे चिलम से गांजा पीते हैं. अघोरी कहते हैं कि उनके लिए यह नशा नहीं बल्कि समाधि में पहुंचने का मार्ग होता है. इसी के कारण वे अलौकिक संसार में पहुंचते हैं और ध्यान की स्थिति को हासिल करते हैं. साधुओं को कुंभ के मेले में सब लोगों के आगे गांजा पीते हुए देखा जाता है. 


लड़कियों और महिलाओं के साथ अघोरी उनकी इच्छा के मुताबिक जिस्मानी संबंध बनाते हैं. अपनी मान्यताओं के मुताबिक, वे श्मशान में लाशों के ऊपर ये क्रियाएं पूरी करते हैं. उनका तर्क ये है कि ये सुख या आनंद के लिए नहीं बल्कि समाधि के मकसद से किया जाता है. 


बता दें कि भारत में आईपीसी की धारा 294ए के तहत खुले में सेक्स करना एक क्राइम है. अगर कोई सार्वजनिक तौर पर ऐसा करता है तो उसको तीन महीने की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. इसके अलावा अधिकतर जगहों पर लिप किस भी नहीं कर सकते. इसको भी अश्लीलता व सामाजिक तौर पर क्राइम की श्रेणी में माना जाता है. 


नरभक्षण भारत में अवैध है. हालांकि इसको लेकर कोई साफ कानून नहीं है लेकिन कई पहलुओं के मद्देनजर इसको ठीक नहीं माना जाता. भारत के अधिकतर इलाकों में यह अवैध समझा गया है. बनारस के घाटों पर यह करते हुए देखा जा सकता है. 


भारत में नशीले पदार्थ का सेवन भी कानूनी तौर पर अपराध है. सार्वजनिक तौर पर इसको खरीदने व बेचने पर सजा हो सकती है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक, एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 में लिखा है कि गांजे को खरीदना या बेचना अवैध है. मात्रा के मुताबिक सजा दी जाती है. अघोरी गांजे का उपयोग करते हैं, जो कानूनी तौर पर अवैध है. 


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