Surya Gochar 2023 Effect: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हर माह अपनी अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं. बता दें कि मेष राशि में राहु पहले से ही विराजमान हैं. सूर्य के प्रवेश से सर्य और राहु की युति बनी है, जिससे पितृ दोष योग का निर्माण हो रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार उच्च पद, प्रतिष्ठा, मान-सम्मान के लिए कुंडली में सूर्य का शुभ होना बेहद जरूरी है. जानें इस दौरान किन राशि वालों को सावधान रहना होगा.  


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कन्या राशि


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कन्या राशि वालों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है. पितृ दोष योग के कारण इन राशि वालों को बड़ा नुकसान हो सकता है. खानपान में सावधानी बरतने की जरूरत है. बासी भोजन या फिर जंक फूड का सेवन न करें. यात्रा पर जाते समय या फिर वाहन चलाते समय सर्तक रहें. दुर्घटना होने की संभावना है. जीवनसाथी के साथ तनाव बढ़ेगा.  


वृश्चिक राशि


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस राशि के जातकों के जीवन में पितृ दोष परेशानी का कारण बन सकता है. मां की सेहत खराब हो सकती है. कोर्ट केस के मामलों में परेशानी बढ़ सकती है. खर्चों में बढ़ोतरी होगी, जिससे बजट पर फर्क देखने को मिलेगा. आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है. इस अवधि में कहीं पर निवेश करने से बचें. नौकरीपेशा लोगों को इस माह में सावधानी से काम करना होगा.   


कुंभ राशि


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि के जातकों के जीवन में पितृ दोष प्रतिकूल परिणाम देंगे. कई तरह की मुश्किलों की सामना करना पड़ेगा. इस समय छाती में जलन महसूस करेंगे. ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी समस्याएं घेर सकती हैं. ऐसे में व्यक्ति को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है. प्रेम संबंधों में बातचीय के कारण गलतफहमी होने की संभावना है.  


पितृ दोष योग के अशुभ प्रभावों से बचाएंगे ये उपाय


- ज्योतिषीयों का कहना है कि घर की दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो अवश्य लगाएं.  


- पितरों को नियमित माला चढ़ा कर नमन करने  से पितृ दोष योग के प्रभाव कम होते हैं.


- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों की मृत्यु की तिथि पर 21 या उससे अधिक ब्राह्मणों को घर बुलाएं और उन्हें भोजन कराएं.


- गरीबों और जरूरतमंदों को दान दक्षिणा देने से भी लाभ होता है.


- ज्योतिषीयों के अनुसार चतुर्दशी को पीपल के वृक्ष में दूध अर्पित करें.  


- दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीपक जलाने से पितर प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)