Shradh 2022 Nakshatra: पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. आज पितृ पक्ष का दूसरा दिन है. पितृ पक्ष में पितरों का स्मरण कर उनके निमित्त पिंडदान, तर्पण और दान आदि किया जाता है. ताकि पितरों की आत्मा को तृप्त कर उनकी आत्मा को शांति मिल सके. साथ ही, वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद दें. धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई काम शुभ नक्षत्रों में किया जाए,तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसे ही पितृ पक्ष के दौरान अगर शुभ नक्षत्रों में पितरों का श्राद्ध किया जाए, तो पितर प्रसन्न होकर हर मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद देते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष 16 दिन तक चलते हैं. भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से इसकी शुरुआत होती है और अश्विन माह की अमावस्या तक श्राद्ध होते हैं. ऐसे में कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, विशाखा, चित्रा आदि सभी शुभ नक्षत्रों में श्राद्ध करना शुभ फलदायी माना गया है. मान्यता है कि विशेष नक्षत्रों में श्राद्ध करने से व्यक्ति को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं किस नक्षत्र में श्राद्ध करने से किस फल की प्राप्ति होती है. 


किस नक्षत्र में किस फल की प्राप्ति होती है 


1. रोहिणी नक्षत्र में अगर कोई व्यक्ति श्राद्ध करता है, तो उसे अच्छी संतान की प्राप्ति होती है.


2. पुनर्वसु नक्षत्र में सुंदरता प्राप्त होती है.


3. कृतिका नक्षत्र में सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है.


4. मृगशिरा नक्षत्र में व्यक्ति में अच्छे गुणों का विकास होता है.


5. आर्द्रा नक्षत्र में ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.


6. स्वाति नक्षत्र में बिजनेस में वृद्धि होती है.


7. पुष्य नक्षत्र में लंबी आयु की प्राप्ति होती है.


8. मूल नक्षत्र में श्राद्ध करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है.


9. उत्तराफाल्गुनी में करने से संतान की वृद्धि होती है.


10. मघा नक्षत्र में स्वास्थ्य अच्छा रहता है.


11. अनुराधा नक्षत्र में उच्च अधिकारों का दायित्व मिलता है.


12. चित्रा नक्षत्र में संतान को प्रसिद्धि मिलती है. 


13. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में अच्छे सौभाग्य की प्राप्ति होती है.



अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)