Shaniwar ke Upay: घर में गलती से भी न रखें ये 4 प्रतिमाएं, केवल मंदिर में ही करें पूजा वरना आपको बर्बाद कर देंगे शनि देव!
Rules of Home Temple: घरों में मंदिर में हम कई सारे देवी-देवताओं की मूर्तियां रखकर उनकी आराधना करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 4 देवों की मूर्ति कभी भी घर नहीं लानी चाहिए वरना शनि देव आपको बर्बाद कर देंगे.
Puja Ghar Me Kaun si Murti na Rakhein: सनातन धर्म में घरों में छोटे मंदिर का होना सामान्य बात है, जहां पर हम सब लोग सुबह-शाम पूजा-पाठ करके अपने जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाते हैं. उन पूजा घरों में विभिन्न देवी-देवताओं की छोटी प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं. माना जाता है कि जिन घरों में नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा होती है, वहां पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और परिवार को धन-समृद्धि समेत सभी खुशियां हासिल होती हैं. आज हम आपको उन प्रतिमाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको कभी भी अपने घर के मंदिर में स्थापित नहीं करनी चाहिए. ऐसे देवी-देवताओं की पूजा केवल बाहर के मंदिर में ही होनी चाहिए वरना जीवन संकट में पड़ते देर नहीं लगती है. आइस इस बारे में विस्तार से जानते हैं.
राहु-केतु (Rahu Ketu)
वैदिक शास्त्र में राहु-केतु को छाया ग्रह कहा गया है. शास्त्रों (Shaniwar ke Upay) की मानें तो वह एक राक्षस था, जो अमृत पीकर अमर हो गया था. उसके अत्याचारों का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने जब उसकी गर्दन काटी तो वह दो हिस्सों में बंट गया. उसका सिर राहु और धड़ केतु कहलाया. राहु-केतु की प्रतिमा को कभी भी घर के मंदिर में स्थान नहीं देना चाहिए.
महाकाली (Maa Mahakali)
महाकाली मां दुर्गा और पार्वती का ही दूसरा रूप मानी जाती हैं. वह दुर्गा का एक विकराल रूप हैं, जो दुष्टों का संहार करने के लिए धरती पर आई थीं. कहते हैं कि घर महाकाली की प्रतिमा लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा तैरने लगती है. ऐसे में गृह क्लेश और झगड़े की घटनाएं बढ़ जाती हैं. लिहाजा आप इससे बचें तो ही बेहतर रहेगा.
नरसिंह भगवान (Lord Narasimha)
शास्त्रों के मुताबिक दुराचारी हिरणाकश्यप का वध करने के लिए भगवान विष्णु ने धरती पर भगवान नरसिंह का अवतार लिया था. उनका गर्दन तक का हिस्सा मानव का था और सिर शेर का था. वध के बाद उन्होंने हिरणाकश्यप का खून भी पिया था. इस रौद्र अवतार वाली प्रतिमा को कभी भी घर पर नहीं लाना चाहिए. ऐसा करने से परिवार में तनाव (Shaniwar ke Upay) बढ़ता है.
शनि देव (Shani Dev)
शनि देव को न्याय के देवता के रूप में माना जाता है. वे किसी से राग-द्वेष नहीं रखते और व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उचित फल देते हैं. मान्यता है कि शनि वैसे तो किसी को परेशान नहीं करते हैं लेकिन कोई जातक गलत काम करे तो शनि (Shaniwar ke Upay) की क्रूर दृष्टि उसे बर्बाद करने में देर भी नहीं करती. इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में शनि देव की मूर्ति को घर में लाना वर्जित किया गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)