Shani Sade Sati Effects: शनि देव की नाराजगी कभी भी मोल नहीं लेनी चाहिए, वह नाराजगी में ऐसी बीमारी दे देते हैं, जिसकी काट मुश्किल होती है. यदि शरीर में कोई बीमारी शनि देव के कारण है तो उसके इलाज के लिए डॉक्टर दवाएं बदल-बदल कर लिखता है, फिर भी उनसे कोई फायदा नहीं हो पाता है, बस रोग की तीव्रता जरूर कुछ कम हो जाती है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

शनि का अर्थ है शनैः शनैः अर्थात धीमे धीमे. मस्तानी धीमी गति से चलने वाले शनि देव एक तरह से ईश्वर द्वारा नियुक्त किए हुए ऑडिटर हैं. जिसकी कुंडली में साढ़ेसाती चलती है, शनि देव उसके पहले के कर्मों का ऑडिट करते हैं. ऑडिट भी बिल्कुल शीशे की तरह साफ यानी जिसने पहले से अच्छे कर्म कर रखे हैं, उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव ही बनती है और जिसने गलत काम किए हैं, उसकी रिपोर्ट बहुत खराब रहती है. इसी रिपोर्ट के आधार पर शनि देव किसी को मजा तो किसी को सजा देते हैं. सबसे अच्छी बात है कि इनकी डिक्शनरी में कोई शॉर्टकट नहीं होता है. 


शनि महाराज जिस पर नाराज हो जाते हैं, उसकी रातों की नींद उड़ जाती है. गलत कामों में लिप्त रहने वाले उलझन और तनाव के शिकार होने लग जाते हैं. पैरालिसिस यानी लकवा नाम की बीमारी में व्यक्ति के अंग इनएक्टिव यानी काम करना बंद कर देते हैं. यह बीमारी भी शनि देव के प्रकोप के कारण ही होती है. एक्सरसाइज यानी मेहनत करने वाले शनि देव को पसंद हैं और पैरालिसिस में भी एक्सरसाइज करने पर लाभ होता है. 


स्पॉन्डिलाइटिस की बीमारी में डॉक्टर तकिया न लगाने, सख्त और सीधे बेड पर सोने के लिए बताने के साथ ही कुछ एक्सरसाइज करने का सुझाव दें तो समझ लेना चाहिए कि यह शनि देव द्वारा दी गई समस्या है. ऐसे में डॉक्टर की पेन किलर क्षणिक आराम दे सकती है, किंतु स्थाई नहीं. यहां कहने का तात्पर्य यह नहीं है की आप दवा ही न कराएं. डॉक्टर की सलाह पर फिजियोथेरेपी का सहारा लेना चाहिए, साथ ही ध्यान रहें कर्मों में सुधार शनि को प्रसन्न करेगा.


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें