Shubh Ashubh Sanket: आप यदि किसी महत्वपूर्ण कार्य से कहीं जा रहे हैं और पहला कदम बढ़ाते ही अचानक कहीं से छींक की आवाज सुनायी देती है तो आपका मन शंकाओं से घिर जाता है. आपको लगता है कि अब जिस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कदम बढ़ाया था, उसके पूरा होने में संदेह है. छींक का भी अपना विज्ञान है. कई बार छींक होना अशुभ ही माना जाता है, लेकिन कुछ प्रकार की छींक के अशुभ और शुभ फल हो सकते हैं, लेकिन कुछ छींक ऐसी भी होती है, जो निष्फल रहती है. 


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एक बात और है कि छींक केवल मनुष्य को ही नहीं आती है, बल्कि पशुओं को भी छींक आती है. आइए समझते हैं किस तरह की छींक के कैसे फल होते हैं.


छींक प्रायः सभी दिशाओं की खराब ही होती है. अपनी छींक तो महा अशुभ मानी जाती है. गौ की छींक मरण का संकेत करती है, लेकिन यदि आप किसी कार्य से जा रहे हैं और बाईं तरफ से अथवा पीछे की ओर से छींक की आवाज सुनाई दे तो वह दोषकारक नहीं मानी जाती है. कहा भी गया है, सम्मुख छींक लड़ाई भाखे छींक दाहिनी द्रव्य विनासे, ऊंची छींक कहे जयकारी नीची छींक होय भयकारी, अर्थात यदि कोई आपके जाते हुए सामने से छींक दे तो विवाद संघर्ष की संभावना हो जाती है, दाहिनी तरफ से छींक की आवाज आने से आर्थिक हानि होती है. 


वहीं, यदि कोई लंबी छींक ले तो कार्य में सफलता प्राप्त होती है और बहुत ही हल्की छींक आना भी अशुभ फल देती है. इसके साथ ही कन्या, विधवा महिला आदि की छींक को भी अशुभ माना गया है, लेकिन आसन पर बैठते समय, शौच के समय, किसी को दान देते समय, दवा लेने के दौरान, पढ़ाई शुरू करने में और बीज होने, युद्ध या विवाह पर जाते समय छींक का होना शुभ फल प्रदान करता है. शराब, सुंघनी, तम्बाकू के रगड़ने से, बच्चे और बूढ़े तथा जबर्दस्ती की जाने वाली छींक निष्फल रहती है. कोशिश करने पर भी यदि छींक न रुके तो मनुष्य जिस कार्य के लिए जा रहा हो तो उसमें बाधा आती है.