Shukra ki Mahadasha ka fal: ज्‍योतिष शास्‍त्र में हर ग्रह का संबंध जीवन के किसी ना किसी क्षेत्र से जोड़ा गया है. शुक्र ग्रह धन, वैभव, ऐश्‍वर्य के कारक हैं. शुक्र ग्रह जातक को प्रेम-सौंदर्य, आकर्षण भी देते हैं. जिस व्‍यक्ति की कुंडली में शुक्र उच्‍च का हो या फिर शुभ ग्रहों के साथ शुभ भाव में विराजमान हो तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में हर सुख मिलता है. वह राजा की तरह आलीशान जिंदगी जीता है. शुक्र की महादशा के दौरान उसकी जिंदगी ऐशोआराम में कटती है. सभी ग्रहों में सबसे लंबी महादशा शुक्र की होती है. शुक्र की महादशा 20 साल तक चलती है. 


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शुक्र की महादशा का फल


जिस तरह उच्‍च का शुक्र जातक को शानदार जिंदगी देता है, वैसे ही कुंडली में नीच का शुक्र जातक को गरीब बना सकता है. अशुभ शुक्र व्‍यक्ति को संघर्ष, अभावपूर्ण जिंदगी देता है. ऐसे व्‍यक्ति का जीवन दुख में कटता है. ना उसके पास धन-दौलत रहती है और ना प्रेम मिलता है. व्यक्ति का जीवन कष्टकारी बना रहता है और भाग्य का साथ नहीं मिलता है. यदि कुंडली में शुक्र अशुभ हो तो जातक को जल्‍द से जल्‍द शुक्र दोष के उपाय कर लेने चाहिए. ताकि शुक्र के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है. 


शुक्र की महादशा के उपाय


कुंडली में नीच का शुक्र हो तो महादशा के दौरान यह बहुत ज्‍यादा कष्‍ट दे सकता है. ऐसे में जातक को शुक्र को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय कर लेने चाहिए. ज्योतिष शास्‍त्र में शुक्र को मजबूत बनाने के प्रभावी उपाय बताए गए हैं. ये उपाय शुक्र को मजबूत करने के साथ-साथ मां लक्ष्‍मी की कृपा भी दिलाएंगे. 


- हर शुक्रवार को 'शुं शुक्राय नम:' का 108 बार जाप करें. 


- शुक्रवार के दिन चीटिंयों को आटा और चीनी खिलाएं. 


- शुक्रवार को सफेद चीजों जैसे- दूध, घी, कपूर, मोती और सफेद कपड़ों का दान कर सकते हैं. 


- शुक्रवार की रात मां लक्ष्‍मी की विधि-विधान से पूजा करके उन्‍हें खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)