Surya Grah Kese Majboot Kare: ज्योतिषीय सिद्धांत के अनुसार किसी व्यक्ति को अपनी राशि, लग्न, मूलांक या भाग्यांक, व्यवसाय, अनुकूल रंग, बीमारी की स्थिति में रोग निवारण के लिए सबसे सरल उपाय रत्न धारण करना है. रत्नों से ग्रहों की कमजोरी से होने वाली समस्याओं में कमी काफी हद तक कम होती देखी जा सकती है या यूं कहिए कि रत्नों के माध्यम से ग्रहों की पॉवर को बढ़ाने का प्रयास किया जा सकता है. 


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प्राचीन काल से ही रत्नों को गुणों की खान माना जाता है और इसलिए उनका प्रयोग भी तभी से होता आ रहा है. यह रत्न ग्रहों से उत्सर्जित होने वाली किरणों को ग्रहण कर शरीर में प्रवेश कराने का कार्य करते हैं जिससे ग्रहों की कमजोरी दूर हो जाती है. किस लग्न के व्यक्ति को किस ग्रह को मजबूत करने के लिए कौन सा रत्न धारण करना चाहिए, इसकी पूरा निर्धारण ज्योतिष शास्त्र में दिया गया है. 


कुंडली में सूर्य के कमजोर होने के नुकसान
सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और यदि यह किसी व्यक्ति के लग्न के स्थान पर है तो उस व्यक्ति का दांपत्य जीवन परेशानियों से घिरा रहता है, सूर्य की तेज ताप के चलते दांपत्य जीवन का सुख की कमी रहती है. इसी तरह इन लोगों को संतान सुख में भी कमी रहती है, यदि संतान है भी तो उसके क्रियाकलापों, पढ़ाई लिखाई, आचार व्यवहार को लेकर अमुक व्यक्ति को मन में असंतुष्टि का भाव रहता है. दूसरे स्थान पर सूर्य होने पर धन की हानि होती है, तृतीय स्थान पर सूर्य होने पर छोटे भाइयों के लिए नुकसानदेह होता है, चौथे स्थान पर सूर्य की स्थिति परिवार में कई विवादों का सामना करना पड़ता है. 


सूर्य ग्रह को मजबूत करने का रत्न
इन अशुभ फलों से बचने के लिए माणिक्य रत्न को धारण करना चाहिए, माणिक्य को धारण करने से सूर्य से मिलने वाली पॉवर में वृद्धि होती है और जिस तरह के नुकसान होने की संभावना होती है, उन्हें इस रत्न को धारण करने से कम किया जा सकता है, लेकिन अपनी कुंडली में अन्य ग्रह और लग्न के अनुसार ही किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह पर ही इसे धारण करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)