Vastu tips for house: भारत के लोगों की सामाजिक जीवन संरचना संसार के अन्य देशों से बिल्कुल ही अलग है. भारतीय सामाजिक जीवन में एक ऐसी सुसंगठित और अद्भुत संरचना है जिसमें आध्यात्म एवं धर्म पूरी तरह से घुल मिल चुका है. वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर चलने वाला भारत मानव कल्याण को सर्वोपरि मानता है. इन्हीं गुणों के कारण भारत को विश्व स्तर पर प्रसिद्धि मिली है, विश्व के किसी भी देश में आपदा या युद्ध आदि अन्य किसी कारण से वहां के रहने वालों पर संकट आता है तो भारत हमेशा बिना किसी राग द्वेष के सहयोग करने के लिए तत्पर हो जाता है. विश्व के अनेक देशों से लोग भारत में सिर्फ इसी बात का पता लगाने के लिए भ्रमण पर आते हैं कि यहां के जनजीवन में व्याप्त मानव कल्याण के दर्शन की अनुभूति की जा सके. 


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इन सब बातों के मूल में है भारतीय वास्तुकला, यह संपूर्ण विश्व में अनोखी और अद्भुत है. यह कला ही वैज्ञानिक और आध्यात्मिक स्तर पर विश्व भर को अपनी ओर आकर्षित करती है. भारत के मंदिरों, राजा महाराजा और जमींदारों के पुराने विशाल भवन, अभेद्य किले आदि भारतीय वास्तु शास्त्र का अनुपम उदाहरण हैं. इन भवनों ने वहां रहने वालों को समाज में अलग ख्याति दिलाई. इन भवनों मंदिरों में पहुंचने वालों को विशेष सकारात्मक ऊर्जा वहां के वास्तु के कारण ही मिलती है. मन कितना भी व्यथित हो, परेशानियों के कारण व्यक्ति तनाव में हो किंतु मंदिरों में जाते ही उसे सकारात्मक ऊर्जा का ऐसा भंडार मिलता है कि उसका मन शांत होता है और समस्या से बाहर आने का रास्ता भी दिखता है. वास्तु रूप जीवन शैली पूरी तरह से वैज्ञानिक है जिससे मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है तथा शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं. यदि आप अपने घर में आकर मानसिक तौर पर परेशान होते हैं तो जान लीजिए कि वहां का वास्तु गड़बड़ है, किसी वास्तु विशेषज्ञ की राय से सुधार कराना चाहिए ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा आ सके.