Vastu Tips to Attract Customers: क्या आप नहीं चाहते कि आपके व्यापार में निरंतर वृद्धि हो, इसलिए तो आपने शानदार शोरूम बनाया, ताकि खूब बिक्री हो, किंतु भरपूर पैसा लगाने के बाद भी अपेक्षित रिटर्न नहीं आ रहा है तो मान लेना चाहिए, कहीं कोई दिक्कत अवश्य है. दुकान, शोरूम या फैक्ट्री के निर्माण में वास्तु के सिद्धांतों का पालन करना आवश्यक है, ताकि व्यापार में निश्चित लाभ हो. इन उपायों को अपनाने से कारोबार स्थल का वास्तु दोष समाप्त हो जाएगा.


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- उत्तर की ओर द्वार वाली दुकान में संभव हो तो नैऋत्य कोण की दिशा में बैठने के लिए चबूतरे या मेज का प्रबंध करना चाहिए. ईशान या आग्नेय दिशा में नहीं बैठना चाहिए. 


- दुकान से बाहर जाने के लिए ईशान से उतरने लायक सीढ़ियां बनवा लेनी चाहिए, अथवा पूरी दुकान के बाहरी हिस्सा में चौथाई भाग में सीढ़ियां बनवानी चाहिए. ऐसा होना मुश्किल हो तो पूर्व आग्नेय होकर दुकान के आधे भाग तक चबूतरा बनवा कर ईशान में सीढ़ियों का प्रबंध कर सकते हैं.


- नैऋत्य दिशा में सीढ़ियां न बनवाएं, नैऋत्य का चबूतरा दुकान के फर्श के स्तर के बराबर या थोड़ा ऊंचा होना चाहिए. 


- नैऋत्य की ओर से दुकान में प्रवेश और निकास वास्तु सम्मत नहीं माना जाता है. 


- किसी भी स्थिति में पूर्व और उत्तराभिमुखी दुकानों के लिए अर्ध चंद्राकार सीढ़ियां नहीं बनवाना चाहिए, यहां वायव्य में बनने वाला चबूतरा फर्श की सतह से ऊंचा नहीं होना चाहिए.


- दुकान में तराजू को चबूतरे या मंच पर ही पश्चिम और दक्षिण दीवार की ओर रखना चाहिए. शो केश, स्टैंड, बोरे या अन्य भारी सामान को ईशान दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए.


- व्यापारिक संस्थान के मालिक या प्रबंधक को अपने चेंबर को नैऋत्य कोण में बनवाना अधिक लाभदायक रहता है. इन चैम्बर्स के दरवाजों को पूर्व और दक्षिण दिशाओं में ईशान की ओर ही रखना चाहिए. किसी भी स्थिति में आग्नेय या वायव्य में द्वार नहीं रखना चाहिए.


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