Yogi Balaknath and Diya Kumari: राजस्‍थान चुनाव में बीजेपी को जितनी बड़ी जीत मिली है, उसकी उम्‍मीद ग्राउंड पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं को भी नहीं थी. पीएम नरेन्‍द्र मोदी के नाम पर लड़े गए इस चुनाव में मुख्‍यमंत्री पद के लिए किसी नेता को चेहरा नहीं बनाया था. लिहाजा नतीजों के बाद सीएम की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू हो गई है. सीएम पद के लिए वैसे तो कई नामों की चर्चा चल रही है लेकिन 2 नाम ऐसे हैं, जिनकी दावेदारी सबसे ज्‍यादा मजबूत बताई जा रही है. इसमें से एक हैं राजस्‍थान के 'योगी' कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ और जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी. वैसे तो इन दोनों नेताओं के सीएम बनने को लेकर कई राजनीतिक कारण और समीकरण गिनाए जा रहे हैं लेकिन ज्‍योतिष की नजर से इन दोनों में किसके मुख्‍यमंत्री बनने की ज्‍यादा संभावना है, आइए इंदौर के ज्‍योतिषाचार्य पंडित हिमांशु राय चौबे से जानते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दीया कुमारी 


ज्‍योतिष के अनुसार दीया कुमारी की नाम राशि मीन होती है. नाम अक्षर से यह नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में है. गोचर में मीन राशि राहु से पीड़ित है जबकि लग्नेश वक्री होकर मेष राशि में दूसरे भाव में बैठा है. भाग्येश मंगल वृश्चिक राशि का होकर नवम भाव में बैठा है. उसके सूर्य भी वृश्चिक राशि में ही विराजमान है. बुध धनु राशि का होकर दसवें भाव में बैठा है जबकि पत्रिका शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में है. शनि अपनी ही राशि कुंभ में बारहवें भाव में बैठा है. कुल मिलाकर यह पत्रिका मिला-जुला असर दिखाती है.  इससे अनुमान होता है कि सत्ता में आने के जो प्रबल योग चाहिए उतना प्रबल भाग्येश इस पत्रिका में नहीं दिखाई देता है. देखना होगा कि भाग्येश मंगल पर्याप्त शक्ति देकर जातक की पत्रिका को सत्ता पाने योग्य बना पाता है या नहीं.


बाबा बालक नाथ


बालक नाथ की पत्रिका वृषभ राशि की है और रोहिणी नक्षत्र में है जिसका स्वामी चंद्रमा होता है. वृषभ राशि वैसे भी चंद्रमा की उच्च राशि है. राहु मीन राशि का एकादशी है जबकि शनि अपनी ही कुंभ राशि में दसवें घर में बैठकर पूर्ण कारक भाव बना रहा है. मंगल सातवें भाव में अपनी ही राशि वृश्चिक में विराजमान है और उसे सूर्य का साथ प्राप्त है. ऐसा प्रतीत होता है कि बालक नाथ के नेतृत्व में आक्रमकता और राजनीतिक समझ भाजपा की हिंदूवादी नीति के अनुकूल बैठती है. ये ग्रहयोग दर्शाते हैं कि उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ को सत्ता सौंपने के प्रयोग की सफलता को देखते हुए स्वामी बालक नाथ को पहला विकल्प चुना जा सकता है और वे सत्ता के शीर्ष पर बैठकर उसे ठीक से संचालित करने के योग्य भी दिखाई देते हैं. देखना यह होगा कि राहु एकादश भाव में होकर इस पत्रिका को कितना बल देते हैं. गोचर में चंद्रमा पूर्णिमा का है और अपनी उच्च राशि में है. 


दीया कुमारी पर भारी बालकनाथ की किस्‍मत


ज्योतिष में कथन है कि पूर्ण बली शुभ चंद्रमा पत्रिका के सब दोषों को नष्ट कर देता है. इस आधार पर स्वामी बालक नाथ की पत्रिका दीया कुमारी की  तुलना में अधिक वजनदार भाग्यशाली और आक्रामक नजर आती है. साथ ही यह सत्ता के अनुकूल स्वभाव को पैदा करती है और भाजपा की नीति के भी अनुकूल होती है.