Vehicle scrap policy: 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है, साथ ही कई नए नियम लागू हो गए हैं. 1 अप्रैल से वाहनों और ट्रैफिक नियमों से जुड़े कई बदलाव लागू हो गए हैं. अगर आप नया वाहन खरीदने की योजना बना रहे हैं या कोई पुराना वाहन चला रहे हैं तो इन बदलावों की जानकारी होना जरूरी है. कार की कीमतो में तो बढ़ोतरी हो ही रही है, साथ ही ट्रैफिक नियमों में भी सख्ती आई है. 


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स्क्रैपेज पॉलिसी लागू
सरकार ने स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत 15 साल पुराने वाहनों को अनिवार्य रूप से डिस्पोज करने का आदेश दिया है. यह निजी और सरकारी दोनों वाहनों पर लागू होता है और उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा. 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को सरकारी पंजीकृत कबाड़ केंद्र में ले जाया जा सकता है, जहां उन्हें स्क्रैप किया जाएगा और एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा. मालिक को नई कार खरीदते समय सब्सिडी और पंजीकरण राशि पर छूट भी मिलेगी. यूपी में 15 साल पुराने वाहनों को 22 रुपये किलो के हिसाब से कबाड़ किया जाएगा.


कार कीमत में बढ़ोतरी
1 अप्रैल से सामान्य मुद्रास्फीति के दबाव और RDE मानदंडों के कारण मारुति सुजुकी, होंडा कार, मर्सिडीज-बेंज, टाटा मोटर्स समेत कई कार कंपनियों की कार खरीदना अधिक महंगा हो जाएगा. इंजन और कच्चे माल में बदलाव के चलते कुछ दोपहिया मॉडल भी महंगे हो जाएंगे. हीरो मोटोकॉर्प पहले ही इस संबंध में ऐलान कर चुकी है. 


10 हजार का चालान
ट्रैफिक नियमों में भी बदलाव होंगे. दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर जुर्माना सीधे खाते से कटेगा. दिल्ली में निजी बसों और माल वाहकों के लिए सख्त लेन नियम भी लागू होंगे और उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. कुछ नियमों का उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना या 6 महीने तक की कैद हो सकती है. नियम तोड़ने वालों पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 192-ए के तहत कार्रवाई की जाएगी. 


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