Dashboard Warning Lights Explained: गाड़ी को सालों-साल चलाने से उसमें खराबी हो सकती है, इसलिए गाड़ी की देखभाल बहुत जरूरी है. लेकिन कई बार सर्विस के बाद भी गाड़ी में खराबी हो सकती है. कोई भी कार अगर खराब होती है तो स्वयं ही संकेत देती है, बस हमें उसका इशारा समझना चाहिए. इसके लिए गाड़ी के डैशबोर्ड पर कई तरह की वार्निंग लाइट्स होती हैं. इस लेख में हम आपको गाड़ी के ड्राइवर डिस्प्ले पर दिखने वाली 5 वार्निंग लाइट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको जानने चाहिए.


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ऑइल प्रेशर वॉर्निंग लाइट:
यह लाइट बताती है कि कार के ऑइल प्रेशर सिस्टम में कोई खराबी है. इस लाइट का मतलब है कि ऑइल कम हो गया है या फिर सही से इंजन तक पहुंच नहीं पा रहा. ऐसी स्थिति में गाड़ी तुरंत बंद कर दें और इंजन ऑइल की जांच करें.


इंजन का तापमान वॉर्निंग लाइट:
इस लाइट का मतलब है कि इंजन ओवरहीट कर रहा है. ऐसी स्थिति में गाड़ी को बंद कर दें और इंजन को ठंडा होने दें. चेक करें कि कूलेंट खत्म तो नहीं हो गया है. 


इंजन वॉर्निंग लाइट:
यह लाइट आमतौर पर इंजन में समस्या होने पर जलती है. इसे जितनी जल्दी हो सके, मैकेनिक को दिखा लें.


बैटरी अलर्ट लाइट:
इस लाइट का मतलब है कि गाड़ी के चार्जिंग सिस्टम में कोई खराबी हो सकती है. यदि यह लाइट जलती है, तो गाड़ी को एक्सेसरी या बैटरी की चार्जिंग के लिए चेक करें.


एयरबैग वॉर्निंग लाइट:
यह लाइट एयरबैग सिस्टम में कोई खराबी होने पर जलती है. यदि यह लाइट जलती है, तो गाड़ी को एयरबैग की जांच के लिए चेक करें.


इन वार्निंग लाइट्स के अलावा भी गाड़ी में कई और वार्निंग लाइट्स हो सकती हैं, जिन्हें आपको समझना चाहिए. आपकी गाड़ी के उपयोग मैनुअल में इन लाइट्स के बारे में विस्तार से बताया जाता है. इसलिए हमेशा अपनी गाड़ी के मैनुअल को ध्यान से पढ़ें और अपनी गाड़ी को नियमित रूप से सर्विस कराएं.