Car Driving Rules: किसी भी कार को चलाने से पहले आपको अपनी और कार में बैठे बाकी यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर लेनी चाहिए. इसके लिए एक सिंपल सा नियम DSSSM है. इस नियम के बारे में बेहद कम लोग ही जानते हैं और यही वजह है कि वह गलती कर बैठते हैं. हमारी सलाह है कि गाड़ी स्टार्ट करने से पहले ही आपको इस नियम को फ़ॉलो कर लेना चाहिए. इस नियम में D का मतलब Doors, S का मतलब सीट, दूसरे S का मतलब सीट बेल्ट, तीसरे S का मतलब स्टीयरिंग होता है. जबकि M का मतलब मिरर है. आइए जानते हैं डिटेल में.


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Doors: कार के अंदर बैठते ही आपको सबसे पहले देखना चाहिए कि आप का दरवाज़ा ठीक से बंद हुआ या नहीं इसके बाद कार के बाक़ी दरवाज़ों को भी सुनिश्चित कर लें. इन दोनों कार की ड्राइव डिस्प्ले में भी दरवाज़ा खुले रहने पर अलर्ट मिल जाता है.


Seat: अपनी ड्राइविंग सीट को अपनी लंबाई के हिसाब से एडजस्ट कर लें. ध्यान रखें कि आपके पांव आसानी से ब्रेक पैडल तक पहुंच रहे हों. सीट ऐसी पोजिशन पर होनी चाहिए कि आपको बोनट भी ठीक से दिख रहा हो. 


Seat Belt: अपनी सुरक्षा के लिए कार चलाने से पहले ही सीट बेल्ट लगा लें. इसके अलावा कार में बाकी जो भी पैसेंजर बैठे हैं, उन्हें भी सीट बेल्ट लगाने के लिए कहें. भले ही यात्री पीछे वाली सीट पर हों. 


Steering: सीट की तरह आपको स्टीयरिंग भी अपने हिसाब से एडजस्ट करना चाहिए. इन दिनों की कारों में आप स्टीयरिंग को टिल्ट (ऊपर-नीचे) और टेलिस्कॉपिक एडजस्ट (आगे-पीछे) एडजल्ट कर पाते हैं. 


Mirror: गाड़ियों में तीन मिरर दिए जाते हैं. दो ORVMs (बाहर वाले मिरर) और एक IRVM (अंदर वाला मिरर). इन मिरर के जरिए आप पीछे आने वाले वाहनों या वस्तुओं को देख पाते हैं और एक्सीडेंट के खतरे से बच जाते हैं. इन्हें भी कार चलाने से पहले ही एडजस्ट कर लें. 


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