Diesel Car Driving Tips: भारत में BS6 फेस 2 के नियम लागू होने के चलते कई कार कंपनियों ने अपने डीजल इंजन वाली कारों को बंद कर दिया. हालांकि अभी भी भारतीय बाजार में कई गाड़ियां है जो कि डीजल इंजन के साथ बेची जा रही है. इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग डीजल कारों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं. लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि इन्हें चलाने का तरीका पेट्रोल कार के मुकाबले थोड़ा सा अलग होता है. यहां हम ऐसी ही 3 गलतियों का जिक्र करने जा रहे हैं, जो डीजल इंजन के साथ आपको कभी नहीं करनी चाहिए.


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टैंक में कम फ्यूल न रखें
इंजन कॉम्पोनेंट्स के लिए डीजल एक तरह के लूब्रिकेंट का काम करता है. अगर फ्यूल लेवल कम हो जाएगा, तो फ्यूल पंप कंबशन चेंबर में हवा फेंक सकता है, जिससे इंजन के इंटरनल पार्ट्स को नुकसान हो सकता है. कम फ्यूल पर गाड़ी चलाने से फ्यूल पंप पर दबाव पड़ता है, जिससे नुकसान का खतरा रहता है. इसलिए, टैंक में हमेशा पर्याप्त ईंधन रखें, जिससे इंजन और फ्यूल पंप बेहतर काम करेंगे. 


इंजन स्टार्ट होते ही दौड़ाना
इंजन शुरू करने के ठीक बाद लगभग हर ड्राइवर की यह प्रवृत्ति होती है. लेकिन डीजल इंजन के साथ ऐसा करना आपको महंगा पड़ेगा. इंजन शुरू करने के बाद, इसे गर्म करने के लिए कुछ समय दें. इससे इंजन की उम्र बढ़ेगी और बेहतर प्रदर्शन देने में मदद मिलेगी. ठंडे इंजन को दौड़ाने से पिस्टन, पिस्टन रिंग, वाल्व और सिलेंडर के समय से पहले खराब होने का खतरा बढ़ जाता है.


कम RPM पर ऊंचा गियर
कम आरपीएम पर कार चलाना डीजल इंजन और ट्रांसमिशन दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है. यह इंजन पर ज्यादा दबाव डालता है. इसके अलावा, यह कार की परफॉर्मेंस और जीवनकाल पर प्रभाव डालता है. हमेशा कंपनी द्वारा निर्दिष्ट आरपीएम रेंज का पालन करें.