Car tyre tips: अगर आप इस दिवाली या छठ पर अपनी फैमिली के साथ ट्रिप पर जा रहे हैं तो कार के टायर को फटने से बचाने के लिए काफी ऑप्शंस हैं. हालांकि लोग नाइट्रोजन और कम्प्रेस्ड एयर फिलिंग को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं. अगर आप भी इसे लेकर कुछ समझ नहीं पा रहे हैं तो आज आपको बताने जा रहे हैं कि कौन सा ऑप्शन बेस्ट रेहगा. 


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1. नाइट्रोजन गैस:


बेहतर दबाव बनाए रखती है: नाइट्रोजन हवा की तुलना में कम तेजी से निकलती है, जिससे टायर का दबाव लंबे समय तक स्थिर रहता है.


टायर का जीवन बढ़ाती है: नाइट्रोजन में नमी नहीं होती, जिससे टायर के अंदर जंग या रबर की डिग्रेडेशन कम होती है.


टायर का तापमान कम रखती है: लंबी दूरी या हाईवे ड्राइविंग के दौरान टायर अधिक गर्म हो जाते हैं, और नाइट्रोजन की वजह से टायर के तापमान को नियंत्रित करना आसान होता है.


ईंधन की बचत: सही दबाव होने से रोलिंग रेजिस्टेंस कम होती है, जिससे फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ सकती है.


2. कम्प्रेस्ड एयर (साधारण हवा):


उपलब्धता: साधारण हवा भरवाना आसान और सस्ता होता है, क्योंकि यह लगभग हर पेट्रोल पंप या गैरेज में उपलब्ध होती है.


जल्द दबाव कम होता है: कम्प्रेस्ड एयर में नमी होती है, जिससे टायर का दबाव समय के साथ कम हो सकता है, खासकर मौसम में बदलाव के दौरान.


टायर का तापमान अधिक होता है: साधारण हवा की वजह से टायर ज्यादा गर्म हो सकते हैं, जिससे टायर का पहनावा बढ़ सकता है.


निष्कर्ष:


अगर आप लंबे सफर पर जा रहे हैं और लगातार हाई स्पीड पर गाड़ी चलाने की योजना है, तो नाइट्रोजन गैस बेहतर विकल्प हो सकती है. इससे टायर का दबाव और तापमान नियंत्रण में रहेगा, जो आपकी सुरक्षा और टायर की लंबी उम्र दोनों के लिए फायदेमंद होगा. हालांकि, अगर नाइट्रोजन गैस उपलब्ध नहीं है, तो कम्प्रेस्ड एयर भी कोई नुकसानदायक नहीं है, लेकिन ध्यान रखें कि सफर के दौरान समय-समय पर टायर का दबाव जांचते रहें. आपकी एसयूवी के लिए, लंबे सफर पर नाइट्रोजन से भरे टायर अधिक उपयोगी साबित हो सकते हैं.