Artificial Intelligence Role In Cars Safety: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में जानकारी दी थी कि 'भारत में हर साल करीब 5 लाख सड़क हादसे होते हैं और लगभग 1.5 लाख लोगों की इनमें मौत हो जाती है.' यह आंकड़े किसी को भी डरा सकते हैं. हालांकि, सरकार इस दिशा में कदम कड़े कदम उठा रही है. सरकार ने यातायात के नियमों को पहले से ज्यादा कड़ा कर दिया है. इसके अलावा, वाहन विनिर्माता के लिए भी कई दिशानिर्देश तय किए गए हैं. सरकार पहले ही सभी कारों में दो एयरबैग अनिवार्य कर चुकी है और इसके साथ ही यह भी ऐलान कर चुकी है कि आने वाले समय में 8 यात्रियों तक के वाहनों में 6 एयरबैग देने अनिवार्य होंगे. इसके अलावा, कार निर्माता भी अपनी कारों को ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए कारों में Artificial Intelligence का इस्तेमाल किया जा रहा है.


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एलपीयू में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रतीक अग्रवाल ने कहा, "ड्राइविंग से संबंधित गतिविधि को स्वचालित करने और वाहनों को सुरक्षित बनाने के लिए AI अब ऑटोमोबाइल उद्योग में बहुत लोकप्रिय हो गया है." उन्होंने कहा, "अधिकांश सड़क घटनाएं इंसान की गलतियों के कारण होती हैं, जिससे गंभीर चोटें, मौत, वित्तीय नुकसान और मुकदमेबाजी तक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है." डॉ अग्रवाल ने कहा, "कई ऑटोमोबाइल निर्माता कार दुर्घटनाओं की संख्या को कम करके मृत्यु और दुर्घटना को रोकने के लिए AI-सक्षम उन्नत ड्राइवर-सहायता प्रणाली (ADAS) पेश कर रहे हैं."


उन्होंने कहा, "AI-पावर्ड फीचर्स जैसे ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, ड्राइवर स्लीप डिटेक्शन, लेन डिपार्चर वार्निंग और अन्य सेफ्टी फीचर्स इनेबल हैं. सेंसर और कैमरा-सक्षम एआई सिस्टम ड्राइवरों को उनकी ड्राइविंग को प्रभावित करने वाली उन परिवर्तनों से, जैसे कि सड़क-निर्माण, गति-सीमा, दुर्घटनाएं और सड़क बंद होना आदि स्थितियों से सावधान और सतर्क रखने में सक्षम हैं." उन्होंने कहा कि AI-सक्षम वाहन उसी निर्माता की नजदीकी कारों (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के आधार पर) के साथ संचार भी कर सकते हैं और पंजीकृत हेल्पलाइन नंबरों पर संदेश भी भेज सकते हैं.


डॉ अग्रवाल के अलावा ओडिसी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नेमिन वोरा ने भी कहा कि Artificial Intelligence टेक्नोलॉजी गाड़ियों को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है. वोरा ने कहा कि ड्राइवरलेस कारें इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं. उन्होंने कहा, "AI टेक्नोलॉजी से मोबिलिटी सिर्फ सेफ ही नहीं हो रही है बल्कि यह ड्राइविंग को कम स्ट्रेसफुल बनाने में भी कारगर है. इससे लोगों के लिए ड्राइविंग एक्सपीरियंस  को ज्यादा सुरक्षित और बेहतर बनाया जा रहा है. AI से कारों को साइन बोर्ड, ऑटोमेटिक नेविगेशन और स्पीड ब्रेकर रीड करने में सक्षम बनाया जा रहा है, इससे हादसों को कम करने में मदद मिलेगी."


क्या आपकी कार में Artificial Intelligence का इस्तेमाल हुआ है?


अगर आपकी कार में एडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, लेन कीपिंग असिस्ट, फॉरवर्ड कोलिजन वार्निंग, लेन डिपार्चर वार्निंग, लेन डिपार्चर प्रिवेंशन, ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, इंटेलिजेंट हेडलैम्प कंट्रोल (IHC) और रियर ड्राइव असिस्ट (RDA) जैसे एडवांस्ड फीचर्स हैं तो समझ जाइए कि आपकी कार में Artificial Intelligence का इस्तेमाल हुआ है. इनता ही नहीं, इनके अलावा भी तमाम फीचर्स में Artificial Intelligence का इस्तेमाल किया जाता है.


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