Air Plane Brake: कभी आपने सोचा है कि क्या हवाई जहाज में भी ब्रेक होते हैं? अगर आपने कभी इस बात पर विचार किया है तो आप सही हैं, कि हवाई जहाज में भी ब्रेक होते हैं. लेकिन हवाई जहाज के ब्रेक कार के ब्रेक से अलग तरीके से काम करते हैं. हवाई जहाज का रुकना और धीमा होना एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई सिस्टम मिलकर काम करते हैं. आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.


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हवाई जहाज के ब्रेक सिस्टम कैसे काम करते हैं?


व्हील ब्रेक्स (टायर ब्रेक):


हवाई जहाज के लैंडिंग गियर (जहां टायर लगे होते हैं) में डिस्क ब्रेक्स लगे होते हैं, जो कार के ब्रेक की तरह ही काम करते हैं.
जब विमान लैंड करता है, तो पायलट ब्रेक्स का उपयोग करता है ताकि टायर को धीमा करके विमान को रोका जा सके.


थ्रस्ट रिवर्स:


जब विमान लैंड करता है, तो इंजन का जोर (थ्रस्ट) उल्टी दिशा में लगाया जाता है। इसे "थ्रस्ट रिवर्सिंग" कहते हैं.
यह हवा को आगे की ओर फेंककर विमान की गति को धीमा करता है.
थ्रस्ट रिवर्सिंग बहुत प्रभावी होती है और बड़े विमानों को तेज गति से धीमा करने में मदद करती है.


स्पीड ब्रेक्स (एयर ब्रेक्स):


स्पीड ब्रेक्स या एयर ब्रेक्स विमान के पंखों पर लगे होते हैं.
ये हवा के प्रवाह को बाधित करते हैं, जिससे विमान की गति धीमी होती है.
पायलट इन्हें तब इस्तेमाल करता है जब लैंडिंग के दौरान या उड़ान के समय स्पीड कम करनी होती है.


ब्रेक का उपयोग कब होता है?


लैंडिंग के समय:


जब विमान रनवे पर उतरता है, तो व्हील ब्रेक्स, थ्रस्ट रिवर्सर्स, और स्पीड ब्रेक्स का संयोजन किया जाता है ताकि विमान सुरक्षित रूप से रुक सके.


टैक्सीिंग के समय:


हवाई जहाज जब रनवे से टर्मिनल तक चलता है (टैक्सी करता है), तो व्हील ब्रेक्स का उपयोग किया जाता है.


इमरजेंसी में:


अगर टेक-ऑफ के दौरान कोई समस्या हो और विमान को तुरंत रोकना हो, तो इन ब्रेक सिस्टम्स का उपयोग होता है.


कुछ खास बातें:


बड़े विमानों में ऑटोब्रेक सिस्टम होता है, जो स्वचालित रूप से ब्रेक लगाता है.
हवाई जहाज के ब्रेक्स बहुत शक्तिशाली होते हैं और इतने गर्म हो सकते हैं कि उन्हें ठंडा करने के लिए खास सिस्टम की जरूरत होती है.
लैंडिंग के दौरान ब्रेक फेल होने की स्थिति में रनवे पर "इमरजेंसी बैरियर्स" (रेत या जाल) का उपयोग किया जाता है.