Challan Case In Lok Adalat: भारत में यातायात नियमों का उल्लंघन एक गंभीर समस्या है. हर साल, लाखों लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करके दुर्घटनाओं का शिकार बनते हैं. ये दुर्घटनाएं कई लोगों के लिए मौत का कारण भी बनती हैं. यातायात नियमों का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर यातायात पुलिस चालान जारी करती है. चालान का मतलब है कि आपको एक निश्चित राशि का जुर्माना देना होगा. चालान की राशि नियम उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर निर्धारित की जाती है, यह काम सरकारें करती हैं.


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इन यातायात नियम का बहुत उल्लंघन होता है


भारत में सबसे आम यातायात नियम उल्लंघन की बात करें तो इसमें तेज गति से गाड़ी चलाना, रेड लाइट तोड़ना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, कार में सीट बेल्ट ना पहनना और बाइक पर हेलमेट में ना पहनना आदि शामिल हैं. खैर, अब अगर आपकी किसी यातायात नियम का उल्लंघन करने की वजह से चालान कट गया है तो आप सस्ते में उससे पीछा छुड़ा सकते हैं. दरअसल, 9 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत लगने वाली है.


क्या होती है लोक अदालत?


बहुत से लोग ऐसे हो सकते हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में ना सुना हो. अगर आपने नहीं सुना तो बता दें कि यह कुछ प्रकार के लंबित मामलों को तुरंत निपटाने के लिए आयोजित की जाती है. समय-समय लोक अदालत लगती रहती हैं. देश भर में लोक अदालतें लगाई जाती हैं. अब लोक अदालत 9 सितंबर को लगेगी, जिसमें आप चालान माफ करा सकते हैं या जुर्माना कम करा सकते हैं. 


यानी, आप चालान माफ या कम करा सकते हैं. मान लीजिए आपका ओवरस्पीडिंग का 2 हजार रुपये का चालान है और चाहते हैं कि यह माफ हो जाए या जुर्माने की राशी कम हो जाए तो यह दोनों ही काम लोक अदालत में हो सकते हैं. हो सकता है कि लोक अदालत में आपका यह चालान रद्द कर दिया जाए या इसे 200 रुपये का भी किया जा सकता है. लेकिन, इसके लिए पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा और स्लॉट बुक करना होगा.