एक्सिडेंट में हेलमेट से बचेगी रीढ़ की हड्डी, जानें क्या कहती है यह रिसर्च
भारत में हर घंटे सड़क दुर्घटना में करीब 17 लोग जान गंवा देते हैं. साल 2016 में पूरे देश में कुल 4 लाख 81 हज़ार सड़क हादसे हुए.
वॉशिंगटन: भारत में हर घंटे सड़क दुर्घटना में करीब 17 लोग जान गंवा देते हैं. आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में देश में कुल 4 लाख 81 हजार सड़क हादसे हुए, जिनमें करीब 1 लाख 51 हजार लोगों ने अपनी जान गंवा दी. ऐसे में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना कितना जरूरी है, यह स्पष्ट हो जाता है. अब एक शोध में यह बात सामने आई है कि दुघर्टना के वक्त हेलमेट न केवल सिर का बचाव करता है, बल्कि इससे रीढ़ की हड्डी के बचने के मौके कई गुना बढ़ जाते हैं.
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हेलमेट पहनने से सर्वाइकल स्पाइन इंजरी का खतरा भी कम
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉनसिन द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा खतरा रीढ़ की हड्डी में चोट आने का होता है. शोध के अनुसार, अगर रीढ़ की हड्डी में चोट आ जाती है, तो यह उस व्यक्ति के लिए घातक हो सकती है. व्यक्ति को लकवा जैसा भयावह स्थिति का सामना भी करना पड़ सकता है. इस शोध में कहा गया है कि अगर दुर्घटना के वक्त दोपहिया चालक ने अपने सिर पर हेलमेट लगा रखा है, तो उसकी रीढ़ की हड्डी के बचने के मौके कई गुना बढ़ जाते हैं. शोध की मानें तो दोपहिया चालकों को रीढ़ की हड्डी में चोट से बचने के लिए हेलमेट जरूर पहनना चाहिए. अमेरिकी विशेषज्ञों द्वारा किए गए इस शोध में कहा गया है कि हेलमेट पहनने से सर्वाइकल स्पाइन इंजरी (सीएसआई) का खतरा भी कम हो जाता है.
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स्टैंडर्ड हेलमेट पहन कर ही करें ड्राइविंग
हेलमेट आपकी अपनी सुरक्षा के लिए ही है, तो हमेशा स्टैंडर्ड हेलमेट पहन कर ही ड्राइविंग करें. स्टैंडर्ड हेलमेट थोड़ा सा महंगा जरूर होता है लेकिन यह आपकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है. अभिभावकों को अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए.