Hyundai Will Pay Fine: नैशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमिशन (NCDRC) ने हुंडई को अपने एक ग्राहक को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिसने हाल ही में हुंडई की i10 कार खरीदी थी और कार में खराबी होने की वजह से उसका एक्सीडेंट हो गया था.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिछला टायर और रिम हो गया था अलग 


शिकायतकर्ता पीआर मीना ने सितंबर 2009 में कार खरीदी थी, ये कार 6,200 किलोमीटर से कुछ अधिक चली थी और घटना के समय इसे 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा रहा था. कार चलने के दौरान ही रिम और पिछला टायर अलग हो गया जिसे कार एक्सीडेंट का शिकार हो गई थी. जानकारी के अनुसार कार खरीदने के पहले महीने से ही इसमें खराबी थी और इसी वजह से ये एक्सीडेंट का शिकार हो गई. 


कार कंपनी ने दी ये दलील 


इस पूरे मामले पर कार निर्माता कंपनी की तरफ से कहा गया कि, उनकी कार में किसी भी तरह की कोई भी खराबी नहीं थी. इस एक्सीडेंट का कारण ये है कि ड्राइवर, कार को गलत तरीके से चला रहा था और इसी वजह से कार एक्सीडेंट का शिकार हो गई और उसे चोटें आ गईं. जानकारी के अनुसार अपीलकर्ता की कार में खरीद की तारीख के पहले महीने के भीतर ही खराबी आ गई थी, इसके अलावा, अपीलकर्ता को केवल 6,248 किमी चलने में कार में समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसकी वजह से अपीलकर्ता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और आखिर में कार दुर्घटनाग्रस्त भी हो गई. 


अदालत ने क्या कहा 


अदालत ने कहा कि अगर कोई नई कार खरीदने के कुछ सालों में ही उसमें दिक्कतें आने लगे तो, कोई भी उपभोक्ता असंतुष्ट महसूस करेगा. अदालत ने कहा, "मौजूदा मामले में अपीलकर्ता ने नई कार को वर्कशॉप में ले जाने का कष्ट किया और इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह मानसिक पीड़ा है."


2015 में, एक जिला आयोग ने मामले में हुंडई को खराब कारीगरी का दोषी ठहराया था और मीना को 80,000 रुपये का मुआवजा दिया था. इस मुआवजे से असंतुष्ट, मीना ने बाद में दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद कंपनी को उन्हें 2 लाख रुपये चुकाने को कहा गया है.