Car Cabin Air Pollution: आज के समय में कारें हमारे रोज के जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कार के केबिन में बाहर के मुकाबले ज्यादा एयर पॉल्यूशन हो सकता है? जी हां, ऐसा हो सकता है. वैसे भी दिल्ली-एनसीआर में एयर पॉल्यूशन बढ़ा हुआ है. ऐसे में अगर आप यहां कार चला रहे हैं तो आपको अपनी कार के केबिन की एयर क्वालिटी के बारे में चिंता करने की जरूरत है.


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कारों के अंदर की हवा में पॉल्यूशन का लेवल अक्सर अधिक हो जाता है क्योंकि कारें अपने आसपास की गाड़ियों से हो रहे उत्सर्जन को सोखती रहती हैं. फिर, यह केबिन में जाता है और केबिन की हवा को गंदा करता है. इसके बाद अगर आपने केबिन एयर रिसर्कुलेशन ऑन कर दिया तो गंदी हवा अंदर ही रहती है. इससे केबिन में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10) की मात्रा बढ़ सकती है.


सड़क से उठने वाली धूल और धुआं भी कार के केबिन में अंदर आता रहता है. यह सभी इसीलिए भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि कार का केबिन छोटा होता है. आप उसी में मौजूद हवा में सांस लेते हैं और फिर CO2 छोड़ते हैं. कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी माना जाता है कि कार के केबिन में बाहर के वायु प्रदूषण की तुलना में 2 से 5 गुना तक अधिक प्रदूषण हो सकता है, जो स्वास्थ्य समस्याओं की बढ़ा सकता है.


कैसे करें बचाव?


-- कार को नियमित रूप से धोएं और साफ करें. यह कार में धूल और प्रदूषकों को हटाने में मदद करेगा.
-- कार के अंदर धूम्रपान न करें. धूम्रपान से निकलने वाला धुआं कार के केबिन में वायु प्रदूषण को बढ़ा सकता है.
-- कार के एयर फिल्टर को समय-समय पर बदलते रहें. एयर फिल्टर कार के केबिन में प्रदूषकों को आने से रोकता है.
-- कार के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें. एयर प्यूरीफायर कार के केबिन में मौजूद प्रदूषकों को हटाने में मदद कर सकता है.