GST Council SUV Definition: महिंद्रा थार एक ऐसी कार है, जिसके गांव से लेकर शहरों तक दीवाने हैं. यह हाईवे से लेकर ऑफ रोडिंग तक, शानदार परफॉर्म करती है. इसमें मिलने वाला 4X4 का फीचर मुश्किल रास्तों को भी आसान बना देता है. 2020 में नए अवतार में आने के बाद से इसकी बिक्री भी काफी बढ़ गई. कई लोगों का मानना है कि थार ही असली एसयूवी है. लेकिन सरकार के एक फैसले से थार फैन्स को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, सरकार की परिभाषा में Mahindra Thar एक एसयूवी है ही नहीं. 


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हाल ही में जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक हुई, जिसमें भारत में एसयूवी सेगमेंट से जुड़े संशोधनों को शामिल किया जाना था. इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एसयूवी की जो परिभाषा बताई, वह महिंद्रा थार समेत, कई गाड़ियों को एसयूवी की श्रेणी से बाहर कर देती है. 


गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की तरफ से बताया गया कि SUV वह कार होती हैं, जिनकी लंबाई 4000 मिमी से अधिक हो,  इंजन की क्षमता 1,500 सीसी से अधिक होती है, और ग्राउंड क्लीयरेंस 170 मिमी से अधिक होता है. जो भी कारें इस मापदंड को पूरा नहीं करतीं, वह एसयूवी नहीं कहलाएंगी. 


गाइडलाइंस के तहत Mahindra Thar को SUV कैटेगरी से हटा दिया गया है, जिससे टैक्स कम लगता है. महिंद्रा थार ग्राउंड क्लियरेंस और इंजन के नियम को तो पूरा करती है, लेकिन लंबाई के मामले में कम रह जाती है. महिंद्रा थार का ग्राउंड क्लीयरेंस 226 मिमी है और इंजन की क्षमता 2000-2200cc है, जबकि महिंद्रा थार की लंबाई 3985 मिमी है इसलिए इसे एसयूवी के रूप में नहीं गिना जाएगा.


टैक्स में होगी बचत
सरकार के इस फैसले से सिर्फ महिंद्रा थार ही नहीं; Maruti Brezza, Kia Sonet, Tata Nexon, और Mahindra XUV300 जैसी गाड़ियां भी एसयूवी नहीं कहलाएंगी. सरकार ने बताया कि एसयूवी कारों पर 28% जीएसटी के अलावा 22% सेस लगाया जाएगा, जिससे इनपर कुल टैक्स 50% तक हो जाता है. जो कारें एसयूवी नहीं हैं, उनपर सेस बेहद कम लगेगा. यानी थार समेत इन कारों पर टैक्स कम रहेगा.


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