Car Fire: आपको सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि एक साधारण सी पानी की बोतल भी पर कार में आग का कारण बन सकती है. लगभग सभी लोग कार से ट्रैवल करते टाइम उसमें पानी की बोतल रखते हैं और फिर उसे कार में ही छोड़ देते हैं. यह एक आम बात है. ज्यादातर लोग ऐसा ही करते हैं. लोगों को लगता है कि पानी की बोतल ही तो है इसे कार में छोड़ ही सकते हैं. इससे क्या ही होगा. लेकिन ऐसा करना आपकी बड़ी भूल हो सकती है. 


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इससे आपकी कार आग का गोला बन सकती और खड़े-खड़े कबाड़ हो सकती है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां पानी की बोतल की वजह से कार में आग लग गई. आप सोच रहे होंगे कि पानी कोई ज्वलनशील पदार्थ तो नहीं, बल्कि पानी का इस्तेमाल तो आग बुझाने के लिए किया जाता है. तो फिर इससे कार में आग कैसे लग सकती है. आइए आपको बताते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है. 


ऐसा कैसे होता है?


दरअसल, कार में रखी प्लास्टिक की पानी की बोतल सूरज की रोशनी पड़ने पर मैग्नीफाइंग लेंस की तरह काम कर सकती हैं. इससे कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है. यह खतरा तब और बढ़ जाता है जब कार तेज धूप में खड़ी हो या पानी की बोतल पर सूरज की रोशनी पड़ रही हो. जब सूरज की किरणें प्लास्टिक की पानी की बोतल से होकर गुजरती है, तो बहुत पतली हो जाती है. बिल्कुल वैसे ही जैसे धूप में मैग्ननीफांइग लेंस को रखने पर होता है. यह किरणें कार के अंदर मौजूद लेदर के पार्ट्स जैसे सीट कवर, डैशबोर्ड या अन्य चीजों को ज्यादा गर्म कर सकती हैं, जिससे कार में आग लगा सकती है. 


बचने के लिए क्या करें 


पानी की बोतल कार में न छोड़ें- अगर आप कार से ट्रैबल करते समय अपने साथ पानी की बोतल ले जा रहे हैं, तो उसे कार के अंदर न छोड़ें, बल्कि अपने साथ ले जाएं. 


वाटर बॉटल होल्डर का इस्तेमाल करें- आप कार में पानी को ऐसी जगह रखें, जहां सूरज की रोशनी सीधी न पड़ रही हो. इसके लिए आप दरवाजों में बने वाटर बॉटल होल्डर का इस्तेमाल कर सकते हैं. हर कार के दरवाजों में पानी की बोतल रखने के लिए होल्डर दिया जाता है. 


बोतल को ढककर रखें- आप कार में पानी की बोतल को ढककर भी रख सकते हैं. इससे सूरज की रोशनी बोतल पर सीधी नहीं पड़ेगी और वह लेंस की तरह काम नहीं कर पाएगी. आप चाहें तो बोतल पर कपड़ा डाल सकते हैं. 


कार को धूप में पार्क न करें- कोशिस करें कि अपनी कार को धूप में पार्क न करें. इससे कार के अंदर का तापमान भी कम रहेगा और आग लगने का खतरा भी कम होगा.