Car Rear Glass Facts: आप कार की किसी भी चीज को नजर अंदाज नहीं कर सकते और अगर करते हैं तो समझिए कि आप गलती कर रहे हैं क्योंकि कार की हर चीज के पीछे साइंज और उकसी अपनी प्रैक्टिकैलिटी होती है. हां, यह बात जरूर है कि कार और मॉडल के हिसाब से उसमें खामियां हो सकती है. आज हम कारों के रियर ग्लास की बात करते हैं. क्या आपको लगता है कि रियर ग्लास के छोटा या बड़ा होने से कोई फर्क पड़ता होगा? चलिए, आपको रियर ग्लास छोटा होने के दो नुकसानों के बारें में बताते हैं.


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1. विजिबिलिटी


कार का रियर ग्लास छोटा होने से कई नुकसान हो सकते हैं. सबसे पहला तो यही है कि रियर ग्लास छोटा होने से पीछे की तरफ देखना मुश्किल हो जाता है. इससे पीछे का कम व्यू दिखता है. ऐसे में पीछे से आने वाली गाड़ियों या अन्य वाहनों को देखना मुश्किल हो जाता है. यह दुर्घटना होने का खतरा बढ़ा सकता है.


2. मुश्किल पार्किंग


पार्किंग करना मुश्किल हो सकता है. रियर ग्लास छोटा होने से पार्किंग करते समय पीछे की तरफ देखना मुश्किल हो जाता है क्योंकि आपको कम व्यू मिल रहा होता है. इससे पार्किंग में गलती होने की संभावना बढ़ जाती है और आपकी कार पीछे की ओर टकरा सकती है.


उदाहरण के साथ समझिए


हम एक उदाहरण देते हैं. मान लीजिए कि आप कार चला रहे हैं और पीछे से एक दूसरी गाड़ी आ रही है. अगर आपकी कार का रियर ग्लास छोटा है, तो आपको पीछे से आने वाली गाड़ी को देखना मुश्किल हो जाएगा. इससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाएगा.


हालांकि, आजकल बहुत सी कारों में रियर कैमरा आता है, जो पीछे की सभी चीजों का केबिन में स्क्रीन पर दिखा देता है लेकिन वह कैमरा भी हर समय ऑन नहीं रहता है, आपको उसे ऑन करना पड़ता है. इसीलिए, अगर कार का रियर ग्लास बड़ा होगा तो ज्यादा सेफ्टी रहेगी.