Planets Caused Disease: जिस तरह बीम, पिलर्स और कंक्रीट से बनी एक बड़ी और मजबूत बिल्डिंग बड़े- बड़े आंधी तूफान झेलने के बाद भी अपनी जगह पर खड़ी रहती है. वैसे ही मनुष्य भी अपने लग्न और राशि के स्वामी को मजबूत कर निरोगी रह सकता है. विभिन्न ग्रहों के कमजोर होने से शरीर में अलग अलग तरह के रोग पैदा होते हैं. जब भी लग्न में सूर्य द्वारा ग्रह अस्त हो कर, वहीं पर बैठ जाए तो रोग लगने की आशंका बहुत अधिक हो जाती है. इसी तरह बृहस्पति और शुक्र यदि आपस में बहुत नजदीक हों तो सेहत कमजोर रहता है. यदि लग्न स्वामी भी कहीं सूर्य द्वारा अस्त है तो निश्चित रूप से व्यक्ति रोगी हो जाता है.


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- ग्रहों का राजा सूर्य को माना जाता है और सूर्य के कमजोर होने पर मस्तिष्क पेट और हृदय के रोग हो सकते हैं. 


- चंद्रमा के निर्बल होने पर व्यक्ति को जुकाम, बुखार और सांस की परेशानी तथा महिलाओं में हार्मोनल डिसऑर्डर की दिक्कतें होती है. 


- मंगल नीच का हो तो दांत में दर्द या अन्य परेशानी, फोड़े-फुंसी, घाव, कैंसर, एक्सीडेंट और ऑपरेशन की आशंका रहती है. 


- आपकी कुंडली में यदि बुध ग्रह खराब हो तो वाणी के रोग पैदा होते हैं. हकलाना, तुतलाना, सांस से संबंधित परेशानी, दिमागी विकार, याददाश्त में कमी, निर्णय शक्ति में कमी और ब्लड प्रेशर से संबंधित दिक्कत हो सकती है. 


- शुक्र यदि खराब स्थिति में हो तो शारीरिक कमजोरी, वीर्य विकार, पागलपन, स्किन डिजीज, आंख में दिक्कत, डिप्रेशन आदि हो सकता है. 


- बृहस्पति की खराब स्थिति में बलगम, गले के रोग, स्किन की प्रॉब्लम और मोटापे की शिकायत रहती है. 


- शनि यदि खराब हो तो जोड़ों के दर्द, पीठ और घुटने में बहुत दर्द रहता है. बिगड़ा हुआ राहू गुप्त, असाध्य और लाइलाज रोगों को देने में माहिर होता है. 


- राहु पेट संबंधी रोग भी पैदा करता है. यदि केतु कमजोर हो तो मियादी बुखार, पेट में कीड़े पैदा करता है. जब भी यह ग्रह लग्न से संबंध रखते हुए निर्बल हों तो व्यक्ति रोगों की चपेट में आ जाता है.