Vinayaka Chaturthi 2023: वैसे तो प्रत्येक माह के दोनों पक्षों में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि प्रथम देवता गणेश जी को समर्पित है. शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन दान करने से मिलने वाला पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है. गणेश जी सभी तरह के कष्ट और विघ्न को हर कर सुख-समृद्धि देने वाले हैं. 


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गणेश जी और दूर्वा कनेक्शन


दूर्वा एक प्रकार की घास होती है, जिसे दूब भी कहा जाता है. इसका उपयोग सिर्फ गणेश जी के पूजन में ही किया जाता है, क्योंकि यह उन्हें बहुत ही प्रिय है. पौराणिक कथा के अनुसार, अनलासुर नामक दैत्य के आतंक से पृथ्वी और स्वर्ग लोक के लोग परेशान हो गए. इंद्र की अगुवाई में सभी देवताओं ने महादेव से प्रार्थना की तो उन्होंने कहा कि आपकी समस्या का समाधान गणेश जी ही कर सकते हैं. इस पर देवता गणेश जी के पास गए और समस्या बताते हुए कहा कि वह असुर ऋषि मुनियों और अन्य लोगों को यूं ही निगल जाता है. सबकी प्रार्थना पर गणेश जी ने अनलासुर को ही निगल लिया, जिससे उनके पेट में जलन होने लगी, जो शांत ही नहीं हो रही थी. कश्यप ऋषि ने तब उन्हें दूर्वा की 21 गांठ खाने को दीं, जिससे उनके पेट की जलन शांत हुई. ऐसा माना जाता है कि तभी से उनके पूजन में दूर्वा चढ़ाई जाती है. 


पूजन की विधि


विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद साफ कपड़े पहनकर एक स्वच्छ आसन पर गणेश जी को विराजमान कर उनकी विधिवत पूजा करें. उन्हें फल फूल अक्षत रोली, मौली आदि अर्पित करने के साथ ही दूर्वा अर्पित करें. हां पूजन करते समय आपका मुख पूर्व अथवा उत्तर दिशा में रहना चाहिए. अंत में गणपति की आरती कर पूजन की समाप्ति करें.


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