Ashtami Tithi Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्र के दौरान हर एक दिन माता के हर स्वरूपों की पूजा की जाती है. इनमें से चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन को महाअष्टमी कहा जाता है. महाअष्टमी को चैत्र नवरात्रि के सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. इस साल चैत्र नवरात्रि में अष्ठमी तिथि 29 मार्च को है और इस दिन मां दुर्गा के आठवें अवतार देवी महागौरी की पूजा की जाएगी. माता गौरी की पूजा की खास मान्यता है. माता की विशेष जानते हैं अष्ठमी तिथि की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि के बारे में. 


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चैत्र नवरात्रि अष्टमी तिथि 2023 शुभ मुहूर्त


इस बार अष्टमी तिथि 29 मार्च, बुधवार को पड़ेगी. इस दिन माता के अष्टम रूप देवी महागौरी की पूजा की जाएगी. चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 28 मार्च, शाम को 07 बजकर 02 मिनट से शुरु होगा और तिथि का समापन 29 मार्च 2023, रात 09बजकर 07 मिनट पर होगा.  उदया तिथि के अनुसार दुर्गा अष्टमी का उपवास 29 मार्च को रखा जाएगा और इस दिन दो बहुत शुभ शोभन योग और रवि योग का संयोग भी हो रहा है जो भक्तों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाएगा. 


शोभन योग- 28 मार्च, रात्रि 11:36 से 29 मार्च, प्रात: 12:13 तक 


रवि योग- 29 मार्च, रात्रि 08:07 से  30 मार्च, प्रातः  06:14 तक


अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा विधि


चैत्र नवरात्रि के दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है. अगर आप विधि-विधान से पूजा करते हैं तो समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. मुख्य रूप से शादीशुदा महिलाओं के मलिए माता गौरी का पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है और जीवन में सौभाग्य के संकेत देता है. 


अष्टमी के दिन करें ये काम


- अष्टमी के दिन पूजन करने के लिए सुबह जल्दी उठें और नहाकर साफ कपड़े पहनें.
 
- महागौरी की प्रतिमा किसी चौकी पर स्थापित करें और माता को सिंदूर लगाएं. 


- महागौरी माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें और लाल फूल चढ़ाएं.


- माता गौरी का ध्यान करते हुए उनके मंत्र ओम देवी महागौर्यै नम: का जाप करें.


अष्टमी कन्या पूजन


कई जगहों पर अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विधान भी होता है. अगर आपके घर में कन्या पूजन अष्टमी तिथि के दिन ही होता है तो विधि-विधान से इस दिन कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं. साथ ही, कन्याओं को उपहार भी दें. अगर आप अष्टमी के दिन कन्या पूजन करते हैं तो इसी दिन व्रत का पारण भी करें. लेकिन अगर आप अपने घर में कलश स्थापना करते हैं तो इसका विसर्जन दशमी के दिन ही करें. 


चैत्र नवरात्र में महा अष्टमी का महत्व


ऐसी मान्यता है कि जो भक्त चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन माता गौरी का पूजन श्रद्धा भाव से करते हैं और माता को उनकी पसंद अनुसार भोग लगाते हैं तो उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. यही नहीं इस दिन सुहागिन स्त्रियां अखंड सौभाग्य की कामना में यदि श्रृंगार की सामग्री माता को अर्पित करती हैं, तो इससे भी शुभ फल मिलते हैं. महागौरी का पूजन उनके भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है और इनके पूजन से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)