Hariyali Teej Date: हिंदू धर्म में हरियाली तीज का बेहद महत्व है. इस तीज को सुहागिन महिलाएं बड़े उत्साह के साथ मनाती हैं. हरियाली तीज हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिए व्रत रखती हैं. इसके साथ ही संतान प्राप्ति के लिए भी ये व्रत काफी अहम माना जाता है. इस दिन भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा का विधान है. 


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हरियाली तीज पर कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य वर की कामना के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन महिलाएं हरी साड़ी और कांच की हरी चूड़ियां पहनती हैं. हरा रंग सावन में होने वाली हरियाली का प्रतीक होता है. इसी वजह से इस रंगा को शुभ मानकर महिलाएं वस्त्र धारण करती हैं. 


इस बार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 18 अगस्त को रात 8 बजकर 1 मिनट से हो रही है. वहीं, इसका समापन 19 अगस्त को रात 10 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी.


सामग्री


मां पार्वती और शिवजी की मूर्ति, चौकी, पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले के पत्ते, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, जटा नारियल, सुपारी, कलश, अक्षत या चावल, दूर्वा घास, घी, कपूर, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, पंचामृत, हरे रंग की साड़ी, चुनरी और सोलह श्रृंगार से जुड़ा हुआ सामान.


पूजा विधि


हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठें और नित्यकर्म करने के पश्चात नहा-धोकर नये कपड़े पहनकर तैयार हो जाएं. इसके बाद सोलह श्रृंगार करें और व्रत का संकल्प लें. तीज पर पूरे दिन व्रत रखें. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)