Hartalika Teej Worship Rules in Hindi: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका का व्रत किया जाता है,  हिंदू पंचांग के अनुसार,  ये तिथि 18 सितंबर 2023 को है. जिसमें सुहागिन औरतें और कुवारी लड़कियां हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं. 


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पौराणिक कथा के अनुसार, हरतालिका 2 शब्दों से मिलकर बना है हरत आलिका, जिसमें हरत का अर्थ है अपहरण और आलिका का अर्थ है सहेली माता पार्वती का अपहरण करके गुफा में छिपा दिया और वहां माता पार्वती ने  भगवान शिव को पाने के लिए पूरे मन से तप किया. कहा जाता है कि, माता पार्वती के पिता भगवान विष्णु से उनका विवाह करना चाहते थे. हरतालिका के व्रत पूजा-पाठ का विशेष विधान है, अगर आप पहली बार व्रत करने जा रही हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखें वरना आपको पूजा का पूरा फल नहीं प्राप्त होता है. 


कैसे शुरू करें व्रत- मान्यताओं के अनुसार, व्रत करने से पहले संकल्प लें और आजीवन उसे वैसे ही निभाना पड़ता. ध्यान रखें कि निर्जला या फलाहार व्रत का संकल्प लें तो उसे पूरा जरुर करें.


रात में सोने की मनाही- हरतालिका तीज के व्रत में महिलाओं क रात में सोने की मनाही होती है. मान्यता है कि जो स्त्री व्रत करने के बाद सो जाती हैं वे मगरमच्छ योनि में जन्म लेती हैं. 


कथा- हरतालिका तीज व्रत कथा सुनने के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है, इस दिन कथा जरूर पढ़नी और सुननी चाहिए. 


जीवनकाल पालन- अगर एक बार हरतालिका तीज का व्रत शुरू कर दिया तो इसे बीच में छोड़ा नहीं जा सकता. जीवनकाल तक इसका पालन करना पड़ता है. 


उद्यापन - अगर किसी करणवश आप व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो आप इसका उद्यापन कर दें या फिर परिवार की दूसरी महिला को व्रत सौंप दें ताकि क्रम बना रहे.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)