Karwa Chauth 2023: करवा चौथ हिंदू समाज में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा पति की लंबी और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए मनाया जाता है. इस दिन सुहागन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के लिए सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला उपवास रखती हैं. यह पर्व पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्थन की अद्वितीयता को प्रकट करता है. करवा चौथ के दिन महिलाओं का सोलह श्रृंगार, मेहंदी और कथा की प्रथा इस त्योहार की प्रमुख विशेषताएं हैं. इस दिन स्त्रियां साथी महिलाओं के संग मिलकर कथा भी सुनती हैं. मेहंदी इसका एक प्रमुख अंग है. उनके हाथ-पैर में गहरी मेहंदी लगी होती है, जिसे लगाने की प्रक्रिया कई बार त्योहार से एक दिन पहले ही शुरू हो जाती है. मेहंदी को पति-पत्नी के बीच प्यार का प्रतीक माना जाता है और इसका वास्तु शास्त्र में भी महत्व है. यहां कुछ वास्तु टिप्स हैं जिन्हें मेहंदी लगाते समय ध्यान में रखना चाहिए.


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स्थान का चयन
वास्तु शास्त्र के अनुसार करवा चौथ के दिन जब आप मेहंदी लगा रही हों, तो एक साफ और रौशनी वाले स्थान चुनें जहां कोई कूड़ा-कचरा न हो और ना हीं अंधेरा हो.


सही दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार मेहंदी लगाते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख किया जाए. इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.


रंग
हरा रंग मेहंदी में प्राकृतिक होता है और यह संतुलन और सकारात्मकता का प्रतीक है. इसे उपयोग करें और कृत्रिम रंगों से दूर रहें. 
काला रंग की मेहंदी से परहेज करें इससे नकारात्मकता बढता है.
 
साफ़-सफ़ाई
मेहंदी लगाने से पहले हाथ-पैर साफ़ होने चाहिए.  


सकारात्मक भाव
मेहंदी लगाते समय सकारात्मक भाव रखने से आपके और आपके पार्टनर के बीच की बंधन मजबूत होती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)