Adhik Maas, Purushottam Maas 2023: नया साल शुरू होने में अब केवल 17 दिन शेष रह गए हैं. नए साल 2023 को लेकर काफी आशाएं लगा रहे हैं. हिंदू पंचांग की बात करें तो अगले साल भगवान शिव से जुड़ा एक सुखद संयोग बनने जा रहा है. पंचांग के मुताबिक वर्ष 2023 इस बार 12 नहीं बल्कि 13 महीने का होगा. इसमें भगवान शिव को बेहद प्रिय श्रावण मास 2 महीने का होगा यानी भोले की भक्ति के लिए लोगों को खूब समय मिलेगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हर 3 साल में एक बार आता है मलमास


सनातन धर्म के विद्वानों के मुताबिक हिंदू पंचांग में हर 3 साल में एक बार अतिरिक्त माह उत्पन्न होता है, जिसे मलमास, अधिकमास या पुरुषोत्तममास कहते हैं. इस मलमास (Mala Maas 2023) का सूर्य के गोचर से सीधा संबंध होता है. जब सूर्य देव अपनी राशि बदलकर दूसरी राशि में गोचर करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है. 


शुभ कार्यों का करना होता है वर्जित


सौर मास में 12 राशियां और 12 संक्रांति होती हैं. जिस महीने में संक्रांति नहीं होती, तब उसे मलमास या अधिकमास Adhik Maas 2023 कहा जाता है. ऐसे महीने को मलिन यानी शादी-विवाह, सगाई, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है. 


18 जुलाई से 16 अगस्त तक होगा मलमास


नव वर्ष 2023 में मलमास (Mala Maas 2023) की वजह से 19 वर्ष बाद श्रावण मास 2 महीने का होने जा रहा है. यह अधिकमास 18 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त 2023 तक होगा. इस प्रकार के महीने को भगवान विष्णु की भक्ति का मास माना जाता है. 


भगवान विष्णु और भोलेनाथ की बरसेगी कृपा


कहा जाता है कि ऐसे महीने में तीर्थ यात्रा, दानपुण्य और विष्णु यंत्रों का जाप करने से मलमास के अशुभ फल खत्म हो जाते हैं और परिवार को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. चूंकि अगले साल श्रावण मास के दौरान अधिकमास पड़ रहा है, इसलिए उस दौरान पूजा-अर्चना करने से भगवान हरि के साथ ही भोलेनाथ की भी जमकर कृपा बरसेगी. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें