Astro Tips: ये मानसिक विकार इंसान की जिंदगी बना देते हैं नरक, इन उपायों से कर सकते हैं नियंत्रित
Mental Disorders: कुछ मानसिक विकार ऐसे होते हैं, जिन्हें नियंत्रित कर पहले मानसिक, फिर उसी के माध्यम से शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को ठीक किया जा सकता है.
Astro Tips for Mental Disorders: मन के विकार ही किसी व्यक्ति के चित्त और आचरण को प्रभावित करते हैं. इनके कारण ही किसी व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है. कुछ मानसिक विकार ऐसे होते हैं, जिन्हें नियंत्रित कर पहले मानसिक, फिर उसी के माध्यम से शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को ठीक किया जा सकता है. आइए जानते हैं, वह कौन से प्रमुख मानसिक विकार हैं और उन्हें कैसे नियंत्रित किया जा सकता है.
क्रोध- क्रोध एक प्रकार की नकारात्मक भावना है जो किसी व्यक्ति के मन को उत्तेजित करती है. क्रोध स्वास्थ्य पर असर डालने के साथ ही विचार शक्ति को शून्य कर देता है. क्रोध में कुछ ऐसे शब्द निकल जाते हैं जो रिश्तों को प्रभावित कर देते हैं. इसे ध्यान, प्राणायाम, योग और कर्मयोग जैसे आध्यात्मिक उपायों से नियंत्रित किया जा सकता है.
अहंकार- यह एक ऐसी भावना है जो व्यक्ति को समाज के अन्य लोगो से ऊंचा बताने को प्रेरित करती है. इस भावना के प्रभाव में आकर व्यक्ति अपने संपर्क में आने वाले लोगों के साथ विचार शक्ति को दूर कर बात करता है जिससे अपनापन कम हो कर अलगाव बढ़ जाता है. अपने स्वभाव में विनम्रता, ईश्वर के प्रति आसक्ति और शरणागत का भाव रखकर अहंकार से बचा जा सकता है.
मोह- मोह की भावना के चलते व्यक्ति वस्तुओं, व्यक्तियों या भावनाओं के प्रति आसक्त बन जाता है. मोह बुद्धि को मोहित करता है और इसके कारण सही तथा गलत के अंतर को समझने में कठिनाई पैदा होती है. यह भावना उसकी स्वतंत्रता और विकास को रोकती है. मोह से मुक्ति के लिए वैराग्य, ध्यान और विचारशक्ति का विकास करना होता है.
लालच- लोभ या लालच किसी भी व्यक्ति को आत्मसंतुष्टि से रोक कर अधिक की चाहत पैदा करता है. इसे कंट्रोल करने के लिए दान, सेवा, और संयमित जीवनशैली को अपनाना चाहिए.
काम- काम की भावना व्यक्ति के मन में विभिन्न प्रकार की इच्छाएं पैदा करती है. काम को नियंत्रित करने के लिए ब्रह्मचर्य और विचारशक्ति का विकास करें.
इन विकारों को नियंत्रित करने के लिए ध्यान, प्राणायाम, योग, मेधा विकास, सेवा और सत्संग जैसे आध्यात्मिक उपाय लाभकारी होते हैं. इनके साथ ही आत्मनिरीक्षण, सत्यनिष्ठा, और संयमपूर्वक जीवन जीना चाहिए. इन उपायों के नियमित अभ्यास से मानसिक शांति, धैर्य, और संतुष्टि प्राप्त करने में मदद मिलती है.